राजनीतिक चौसर पर JDU का बड़ा दांव, अशोक महतो की बढ़ी मुश्किलें...जेल से बाहर आ गया उससे भी बड़ा बाहुबली

राजनीतिक चौसर पर JDU का बड़ा दांव, अशोक महतो की बढ़ी मुश्किलें...जेल से बाहर आ गया उससे भी बड़ा बाहुबली

Anant Singh Released On Paroleमुंगेर लोकसभा क्षेत्र में 13 मई को चुनाव है। इस दिन यहां वोटिंग होनी है। लेकिन उससे पहले एक नए घटनाक्रम के बाद कई तरह की चर्चाएं हैं। बाहुबली पूर्व विधायक अनंत सिंह जेल से बाहर हैं। उन्हें 15 दिन की पैरोल पर रिहा किया गया है। बेउर से रिहा होने के बाद अनंत सिंह बाढ़ के रास्ते मोकामा पहुंचे। अनंत सिंह का पटना से पूरे रास्ते भर भव्य स्वागत किया गया।बाहुबली पर बुलडोजर से फूल बरसाए गए। अनंत सिंह की अपनी अलग फैन फॉलोइंग है, रविवार को जब वह बाढ़ पहुंचे तो उनके स्वागत के लिए उनके प्रशंसक भी उमड़ पड़े। लेकिन अब इस रिलीज की टाइमिंग को लेकर कई तरह की चर्चाएं शुरू हो गई हैं।

बाहर आ गये हैं अनंत सिंह

नीतीश कुमार के करीबी नेता ललन सिंह उर्फ ​​राजीव रंजन ने मुंगेर लोकसभा सीट से जीत हासिल की है। लेकिन लालू प्रसाद यादव ने अपने सामने कद्दावर नेता अशोक महतो की पत्नी को मैदान में उतारा है। अशोक महतो खुद चुनाव प्रचार की कमान संभाले हुए हैं। 13 मई को चुनाव है और ललन सिंह के पास कोई ऐसा नहीं है जो अशोक महतो को राजनीतिक तौर पर चुनौती दे सके। कहा जा रहा है कि इसी वजह से अनंत सिंह को रिहा किया गया है। हालाँकि, आपको बता दें कि नीतीश सरकार के गृह विभाग ने उन्हें 15 दिनों के लिए पैरोल पर रिहा करने का निर्देश जारी किया था। इसके बाद जैसे ही अनंत सिंह जेल से बाहर आये अनंत सिंह के समर्थकों ने उन्हें फूल मालाओं से लाद दिया।

अनंत सिंह की रिहाई इसलिए भी अहम

अनंत सिंह न सिर्फ अपने विधानसभा क्षेत्र के लोकप्रिय बाहुबली हैं बल्कि उनका मुंगेर लोकसभा सीट पर भी अच्छा प्रभाव है। भूमिहार जाति से आने वाले अनंत सिंह इस सीट के ज्यादातर भूमिहारों की पसंद भी बताए जाते हैं। ऐसे में उनके बाहर आने से ललन सिंह को राहत मिल सकती है। अब अशोक महतो के लिए मुश्किल है, क्योंकि बाहुबल के मामले में अनंत सिंह अशोक से काफी बड़े हैं।

अनंत सिंह की रिहाई के मायने समझिए

पूर्व विधायक अनंत सिंह को 15 दिनों के पैरोल पर रिहा करने का आदेश जारी किया गया। ये निर्देश गृह (जेल) प्रशासन की अनुशंसा के आधार पर दिये गये। बताया जा रहा है कि बिहार सरकार ने उन्हें जमीन संबंधी काम (बंटवारा) के लिए पैरोल दी है। साल 2022 में अनंत सिंह के ठिकानों पर पटना से लेकर मोकामा तक छापेमारी हुई। यह छापेमारी चर्चित आईपीएस लिपि सिंह ने की थी। इस दौरान उनके आवास से एके 47 और हैंड ग्रेनेड मिले थे। इस मामले में कोर्ट ने उन्हें 10 साल की सजा सुनाई थी। इस सज़ा के बाद अनंत सिंह की विधायकी चली गयी। तब उनकी पत्नी नीलम देवी ने राजद के टिकट पर मोकामा से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। लेकिन इस साल नीतीश कुमार ने पाला बदल लिया और एनडीए के साथ चले गये। उनके साथ-साथ अनंत सिंह की टीम ने भी पाला बदल लिया और विधानसभा में नीलम देवी ने राजद के खिलाफ एनडीए सरकार का समर्थन कर दिया। अब अनंत सिंह की रिहाई से मुंगेर में लोकसभा चुनाव और दिलचस्प हो गया है।

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