चिट्ठी का आया परिणाम! गृह मंत्रालय ने बजट को दी मंजूरी, अब कल 11 बजे पेश होगा दिल्ली बजट

चिट्ठी का आया परिणाम! गृह मंत्रालय ने बजट को दी मंजूरी, अब कल 11 बजे पेश होगा दिल्ली बजट

delhi budget:दिल्ली सीएम द्वारा पीएम मोदी को लिखी चिट्ठी का परिणाम आ गया है। गृह मंत्रालय ने दिल्ली के बजट को पेश करने की परमिशन मिल गई है, वहीं बजट कल 11  बजे विधानसभा में पेश किया जाएगा। बता दें कि दिल्ली सरकार ने बजट पेश करने की मंजूरी मांग दी लेकिन मंत्रालय ने कुछ सवालों का जवाब मांगा था।

सीएम ने पीएम को लिखी थी चिट्ठी

दरअसल दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर दिल्ली के बजट को नहीं रोकने का अनुरोध किया था। सीएम केजरीवाल ने पीएम मोदी को लिखे अपने पत्र में लिखा, "देश के 75साल के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि किसी राज्य का बजट रोका गया है। आप दिल्ली की जनता से क्यों परेशान हैं।"

क्यों रोका था गृह मंत्रालय ने दिल्ली का बजट

दरअसल दिल्ली के बजट में कई ऐसे प्रावधान थे जिसे चिन्हित करते हुए गृहमंत्रालय ने उस पर जवाब मांगा था। इसी के बाद आप सरकार ने केंद्र पर आरोप लगाया कि वह दिल्ली का बजट पास नहीं होने दे रहे। वहीं इसको मंगलवार (21मार्च) को विधानसभा में पेश नहीं किया जा सकेगा। वहीं गृह मंत्रालय के सूत्रों ने कहा, मंत्रालय ने आप से स्पष्टीकरण मांगा है क्योंकि उसके बजट में विज्ञापन के लिए अधिक आवंटन है और बुनियादी ढांचे और अन्य मुद्दों के लिए अपेक्षाकृत कम राशि आवंटित है।

सीएम केजरीवाल के आरोपों का किया खंडन

दिल्ली के एलजी वी.के. सक्सेना के कार्यालय ने दिल्ली सीएम के आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि सक्सेना ने कुछ टिप्पणियों के साथ वार्षिक वित्तीय विवरण 2023-2024को मंजूरी दी थी और फाइल 9मार्च को मुख्यमंत्री को वापस भेज दी गई थी। इसके बाद दिल्ली सरकार ने गृह मंत्रालय को पत्र भेजकर राष्ट्रपति की मंजूरी मांगी थी। अधिकारी ने कहा कि गृह मंत्रालय ने 17मार्च को दिल्ली सरकार को अपनी टिप्पणियों से अवगत कराया था।

दिल्ली के एलजी वी.के. सक्सेना ने क्या कहा

सक्सेना ने कहा, 78, 800 करोड़ रुपये के प्रस्तावित बजट आकार के मुकाबले, पूंजीगत घटकों पर व्यय 21,816 करोड़ रुपये इंगित किया गया है, जो बजट का केवल 27.68 प्रतिशत है। इसके अलावा, इसमें ऋण चुकौती के लिए 5,586.92 करोड़ रुपये भी शामिल हैं, जो, यदि बाहर रखा जाता है, तो पूंजीगत घटक को घटाकर 16,230 करोड़ रुपये कर दिया जाएगा, जो कि बजट का केवल 20 प्रतिशत है।

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