Haryana News: युवक की मौत के बीच फरिश्ता बनकर आए फरीदाबाद के पुलिस कमिश्नर, बचाई जान

Haryana News: युवक की मौत के बीच फरिश्ता बनकर आए फरीदाबाद के पुलिस कमिश्नर, बचाई जान

Faridabad News:फरीदाबाद में पुलिस कमिश्नर राकेश कुमार आर्य ने सड़क हादसे में घायल एक व्यक्ति की जान बचाते हुए हरियाणा पुलिस के सेवा सुरक्षा और साहियोग के नारे को चरितार्थ किया है। बता दें पुलिस कमिश्नर की गाड़ी को एस्कॉर्ट कर रहे हैं पुलिस के जवानों ने पुलिस कमिश्नर के आदेश पर सड़क पर दुर्घटना में घायल एक व्यक्ति को इलाज के लिए बादशाह खान सिविल अस्पताल पहुंचाया और उसकी जान बचाई जा सकी।

इस मामले में जानकारी देते हुए पुलिस कमिश्नर की गाड़ी को एस्कॉर्ट कर रहे कमांडो सुनील ने बताया कि बीती रात फ़रीदाबाद पुलिस कमिश्नर लगभाग 11:30 बजे गस्त कर के दिल्ली की ओर जाने वाले नेशनल हाईवे नंबर 19 से होते हुए सेक्टर 21 अपने निवास पर जा रहे थे उनकी गाड़ी को एस्कॉर्ट पायलट आगे चल कर एस्कॉर्ट कर रही थी। जिसमें पीसीआर इंचार्ज हवलदार राजेश,ड्राइवर राहुल,और खुद वह सुनील कमांडो और संदीप कमांडो गाड़ी में थे। जैसे ही उनकी गाड़ी ओल्ड फरीदाबाद रेड लाइट के पास पहुंची। सड़क पर एक रॉयल इनफील्ड मोटरसाइकिल पड़ी थी और युवक सड़क पर लहूलुहान हालात में पड़ा था।

घायल व्यक्ति का नाम सुनील तिवारी है

लोगों की भीड़ बस तमाशा देख रही थी। जिसे देख उन्होंने अपनी एस्कॉर्ट पायलट की गाड़ी रोक दी गाड़ी के रुकते ही कमिश्नर साहब भी नीचे उतर गए और उन्होंने उस सड़क पर पड़े युवक को देखते ही उन्हें यह आदेश दिए कि तुरंत इसे किसी नजदीकी अस्पताल में ले जाकर भर्ती करवा दो। जिसके बाद वह उस घायल को फरीदाबाद के बादशाह खान सिविल अस्पताल में लेकर पहुंचे। जहां पर मौजूद डॉक्टर हितेश नरवाल ने घायल व्यक्ति को प्राथमिक उपचार दिया और उसे आपातकालीन वार्ड में इलाज के लिए दाखिल कर लिया। सुनील ने बताया कि घायल व्यक्ति का नाम सुनील तिवारी था जिसे वह अस्पताल में भर्ती कर लिया।

पुलिस कमिश्नर ने लोगों से की अपील

इस मामले में पुलिस कमिश्नर राकेश कुमार आर्य ने बताया की समय से अस्पताल पहुंचने के चलते उसकी जान बच पाई यदि और देर हो जाती, तो शायद अधिक खून बहने के चलते घायल व्यक्ति की मौत भी हो सकती थी।  इसलिए उनकी लोगों से अपील है कि यदि कहीं भी कोई सड़क हादसे में इस तरह से मिलता है। तो हर देश के नागरिक का कर्तव्य है कि उस घायल की अस्पताल पहुंचाने तक उसकी मदद जरूर करनी चाहिए। यह हादसा कभी भी आपके साथ या आपके अपनों के साथ हो सकता है और आपकी मदद से यदि किसी की जान बच जाती है तो इससे बड़ा धर्म कोई नहीं है क्योंकि जान जाने के बाद वापस कभी नहीं आती।

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