Uttarakhand Forest Massive Fire Update: इन दिनों उत्तराखंड के पहाड़ी इलाके जंगल की आग की चपेट में हैं। इस फायर सीजन में जंगल में आग लगने की 886घटनाएं हुई हैं। इससे अब तक तीन लोगों की मौत हो चुकी है और पांच लोगों की मौत हो गई हैं। वहीं, करीब 1107हेक्टेयर से अधिक वन क्षेत्र प्रभावित हुआ है।अब वहां के डीएम ने एयरफोर्स से मदद मांगी है। जंगलों से लगातार धुआं उठ रहा है। इसके साथ में ही इस मामले में तीन युवक को भी गिरफ्तार किया गया है, जो आग को बढ़ाने का काम कर रहे थे। पिछले 24 घंटे में उत्तराखंड के जंगलों में आग के अबतक चौसठ मामले सामने आ चुके है और अब तक आग की कुल 868 घटनाएं सामने आई है।
आग बुझाने में कामयाब नहीं हुए अधिकारी
बता दें कि प्रशासन आग बुझाने मे लगातार जुटी हुई है, लेकिन उसके द्वारा किए गए प्रयास कामयाबनहीं हो रहे है। ऐसे में पता चला है कि सेना का एक विमान आग बुझाने के लिए पौड़ी गया है। उत्तराखंड वन विभाग के द्वारा बताया गया है कि लगातार कुमाऊं और गढ़वाल में आग की घटनाएं सामने आ रही है। जहां चीड़ के पेड़ अधिक है। गर्मी के मौसम में इमे से लीसा निकलता है, जिसके कारण आग को और ज्यादा बढ़ावा मिल रहा है। गढ़वाल मंडल के नरेंद्र नगर, कोटद्वार, टिहरी गढ़वाल, उत्तरकाशी, मसूरी, गोपेश्वर, रूद्रप्रयाग जैसे कई वन्यक्षेत्र आग के कारण तबाह हो चुके हैं। आग के कारण लगभग 749.6375 रिजर्व फॉरेस्ट एरिया (हेक्टेयर) को नुकसान पहुंचा है।
जंगल हुआ धुआं-धुआ
वहीं इस क्षेत्र में 1 नवंबर से अब तक 460 से अधिक आग की घटनाएं सामने आई हैं, जिसमें 623 हेक्टेयर से अधिक वन भूमि जलकर खाक हो गई है। जंगलों से उठते धुएं के कारण शुक्रवार को नैनीताल शहर में धुंध छा गई। डॉक्टरों का कहना है कि धुएं से भरी हवा ब्रोंकाइटिस और अस्थमा से पीड़ित लोगों की समस्या बढ़ा सकती है।
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