
Apple In Trouble: अमेरिकी टेक कंपनी ऐपल की मुश्किलें भारत में बढ़ सकती है। यही वजह है कि कंपनी नए नियम का विरोध कर रही है। ऐपल इसे चैलेंज करने के लिए कोर्ट तक पहुंच गई है। हालांकि, ऐपल पर भारत में अभी तक किसी प्रकार का जु्र्माना नहीं लगाया गया है। लेकिन एंटी कंपटीशन कानून में बदलाव की वजह से उस पर 38 अरब डॉलर्स की पेनल्टी का खतरा हो गया है।
पहले भारत में जुर्माना सिर्फ उस कारोबार पर लगता था, जो यहां चलता है। यानी ऐपल के मामले में सिर्फ ऐप स्टोर इंडिया की कमाई पर। यह रकम बहुत छोटी होती लेकिन कानून बदलते ही सीसीआई को अधिकार मिल गया कि वह किसी भी कंपनी की पूरी दुनिया की कमाई को पेनल्टी का आधार बना सकती है। इसी बदलते नियम से यह खतरा मंडरा कर इतनी बड़ी राशि तक पहुंच गया है।
कहां से शुरू हुआ मामला
यह विवाद ऐपल के ऐप स्टोर की पॉलिसीज को लेकर शुरू हुआ। इंडियन डेवलपर्स ने शिकायत की कि आईफोन यूजर्स सिर्फ ऐपल के ही ऐप स्टोर से ऐप डाउनलोड कर सकते हैं। पेमेंट सिस्टम भी ऐपल का होता है और कमीशन भी उसी के नियमों पर चलता है। इस वजह से इंडियन डेवेलपर्स को नुकसान भी होता है। डेवलपर्स को लगता है कि यह बाजार पर बेवजह कंट्रोल है। सीसीआई ने इन्हीं शिकायतों को सुनकर जांच शुरू की। इसी जांच ने केस को पेनल्टी के दायरे में ला दिया।
यह नियम गलत है-ऐपल
ऐपल का तर्क है कि अगर ऐप स्टोर इंडिया की नीतियों पर है तो पेनल्टी भी उसी हिस्से की कमाई पर लगनी चाहिए। कंपनी कहती है कि भारत का नया नियम उसके खिलाफ सजा जैसा है। ऐपल का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट पहले ही कह चुका है कि पेनल्टी रिलेवन्ट टर्नओवर पर लगनी चाहिए। यानी जिस बिजनेस में समस्या मिली,सिर्फ उसी की कमाई पर। ऐपल की तरफ से बताया जा रहा है कि भारत की नई व्यवस्था इस सिद्धांत के उलट है।
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