Self-Developed AI : AI को नहीं पड़ेगी इंसानों की जरूरत, खुद बनाएगा AI Tools

Self-Developed AI : AI को नहीं पड़ेगी इंसानों की जरूरत, खुद बनाएगा AI Tools

Self-Developed AIसाल 2023 की शुरुआत से ही AI का बहुत तेजी से विकास हुआ है। माइक्रोसॉफ्ट और Googleने हाल ही में खुद के AI चैटबॉट पेश किए जिससे बाजार में काफी हलचल तेज हो गई है आज करोड़ों लोग इनका यूज कर रहे हैं। बार्ड और बिंग से लेकर, GPT-4 के साथ ChatGPT के और भी अधिक पावरफुल होने तक  ये साल AI Development से भरा रहा है।

खुद बनेंगे AI टूल्स!

अभी हाल ही में,Googleने जेमिनी पेश किया था जिसनेबहुत अधिक बेंचमार्क टेस्टिंग में ChatGPT को पछाड़ दिया था। आपको बता दे कि कुछ दिन पहले एक रिपोर्ट सामने आई थी जिसने सभी को हैरान कर दिया था । जी हां, अब AI उस स्तर तक पहुंच गया है जहां वह खुद से छोटे AI टूल्स बना सकता है और स्पेशल बात यह है कि इसके लिए किसी भी इंसान की आवश्यकता नहीं है।

कोड को किया क्रैक

बिजनेस इनसाइडर की एक रिपोर्ट के अनुसार, University of California के साइंटिस्ट्स की एक टीम ने ऐज़िप नाम की एक AI टेक कंपनी के साथ हाथ मिलाया है, और उन्होंने बड़े AI मॉडल को अपने बलबुते पर AI साइडकिक्स तैयार करने के लिए कोड को क्रैक किया है। सरल शब्दो में बताये तो अब बड़े AI टूल्स की सहायाता से से AI खुद छोटे टूल्स बनाएगा।

Self-Developed AI को लेकर कपनी के मालिक ने बताया भविष्य

एज़िप कंपनी के मालिक ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि वे ऑटोमेटिक तरीके से अब छोटे- छोटो AI टूल्स बना रहे हैं जो उन मेगा एआई मॉडल का इस्तेमाल कर रहे है, जो ChatGPT चला रहे हैं। ऐसा बताया जा रहा है कि Self-Developed AI की दिशा में ये पहला कदम है।

Self-Developed AI कितना सही?

Self-Developed AI जितना अच्छा लग रहा है उतना ही खतरनाक भी साबित हो सकता है। AI के हाथ में इतना कंट्रोल देना सही नही है। AI गूगल पर मौजूद स्थित में डाटा को किस तरह से इस्तेमाल करता है इस पर भी एक बड़ा सवाल बना हुआ है। कुछ एक्सपर्ट्स भी इस पर चिंता जता चुके हैं।

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