Pankaj Udhas Died: जब 'चिट्ठी आई है' सुनकर रो पड़े थे राज कपूर, धर्म की दीवार लांघकर किया था इश्क

Pankaj Udhas Died: जब 'चिट्ठी आई है' सुनकर रो पड़े थे राज कपूर, धर्म की दीवार लांघकर किया था इश्क

Pankaj Udhas Died: मशहूर गजल गायक पंकज उधास ने 73 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह दिया है। पंकज उधास की बेटी नायाब उधास ने उनके निधन की खबर की पुष्टि की है। वे लंबे समय से बीमार चल रहे थे। पंकज उधास की निधन की खबर जानकर पूरी म्यूजिक इंडस्ट्री में शोक में हैं।पंकज जैसे गजल गायक का यूं दुनिया छोड़ जाना फैंस को गमगीन कर गया है।अपनी शानदार गजल गायकी से लोगों को दीवाना बना चुके थे। आइए जानते हें गजल गायक पंकज उधास के बारे में..

ऐसे रखा था बॉलीवुड में कदम

बॉलीवुड में उनके गायन का पहला प्रस्तुती फिल्म 'कामना' के माध्यम से 1972 में हुआ था, जिसमें उन्होंने अपनी आवाज सुनाई। यहां तक कि उनका संघर्ष अब भी जारी था। गजल गायन में रुचि लेने के कारण, उन्होंने उर्दू भाषा सीखी। बाद में, उन्होंने कनाडा जाकर वहां छोटे-मोटे कार्यक्रमों में गजल गायन किया। 1980 में उनका गजल एल्बम 'आहट' रिलीज हुआ, जो बहुत सफल था। इसके बाद, एक के बाद एक, उन्होंने कई सुंदर गजलें गाई और उन्हें इंडस्ट्री के प्रमुख गजल गायक माना गया। उनकी गाई हुई गजल 'चिट्ठी आई है' बहुत पॉपुलर हो गई है

'चिट्ठी आई है' सुनकर रो पड़े थे राज कपूर

पंकज उधास के प्रशंसक विश्वभर में होते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि प्रमुख अभिनेता और शो मेनेजर के रूप में मशहूर निर्माता, निर्देशक राज कपूर भी पंकज के समर्थनायक थे। यह उस समय की बात है जब 'चिट्ठी आई है' सिर्फ रिकॉर्ड होने की शुरुआत हुई थी। फिल्म के निर्माता, जो एकमात्र हीरो कुमार गौरव के पिता राजेंद्र कुमार थे, एक दिन राज कपूर को डिनर पर बुलाया और यह गाना सुनाया। इस गजल को सुनकर राज कपूर की आँखों में आंसू आए और उन्होंने कहा कि यह गाना बहुत बड़ा हिट होगा, जो राज कपूर की भविष्यवाणी सही साबित हुई।

धर्म की दीवार लांघकर किया था इश्क

गजल सम्राट पंकज उधास की प्रेम कहानी के बारे में बहुत कम लोग जानते हैं। जब यह ग्रेजुएशन कर रहे थे, तब उन्होंने अपनी पड़ोसन से दिल हार बैठें। उनकी पड़ोसन, जो पारसी समुदाय से थी, उनका नाम फरीदा था और वह एक एयर होस्टेस थी। इनके परिवार को इस रिश्ते से कोई दिक्कत नहीं थी, लेकिन फरीदा के घरवालों को यह रिश्ता मंजूर नहीं था। अपने रिश्ते की सिफारिश लेकर, पंकज की पत्रकारिता करने वाले फरीदा के पिता जो कि एक सेनियर पुलिस अफसर थे, उनके पास पहुंचे। फरीदा के पिता ने कहा, "अगर तुम्हें लगता है कि तुम दोनों एक साथ खुश रहोगे तो आगे बढ़ो और शादी कर लो।" फिर पंकज उधास ने बिना कुछ सोचे आगे बढ़कर फरीदा का हाथ हमेशा के लिए थाम लिया था।

पंकज उधास ने जीते थे कई अवार्ड

संगीत के क्षेत्र में पंकज ने अपने नाम से कई पुरस्कार जीते थे। 2006 में, उन्हें पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। इसके अलावा, गायकी के क्षेत्र में एल सहगल अवार्ड से भी इन्हें सम्मानित किया गया था। 1985 से लेकर 2006 तक, उन्होंने अनेक पुरस्कार जीते थे।

 

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