नई दिल्ली : मंहगाई एक बार फिर से रुला रही है.कोरोना काल की वजह से पहले ही ज्यादातर लोगों की आमदनी बंद हो गई. वहीं लोगों की नौकरियां भी छिन गई है और अब मंहगाई की मार पेट पर भारी पड़ रही है. साथ ही सब्जियों के दाम आसमान छून रहे हैं. एक तरफ जहां आलू के भाव आसमान छू रहे हैं तो वही दूसरी तरफ टमाटर भी अपने तेवर में है.
आपको बता दें कि, कोरोना ने लोगों का सब कुछ छीन लिया है. वहीं देश में लॉकडाउन हुआ तो लोगों ने अपनी नौकरियां खो दी, मजदूरों की मजदूरी छिन गई, जिससे आमदनी के साधन बंद हो गए है, काफी दिनों के बाद धीरे-धीरे देश अनलॉक होने लगा है. मंडिया भी पूरी तरह खुल गई है. लेकिन जनता को महंगाई का झटका ऐसा लगा की हर कोई सोचने पर मजबूर हो गया है कि, आलू के बढ़ते भाव को देख टमाटर भी अपने रंग दिखाने लगा है. वहीं आलू के बाद अब टमाटर के दाम भी बढऩे लगे है. इसके साथ ही प्याज भी रुलाने लग गया है प्याज के भी दाम बढ़ गए है.
वहीं सब्जी मंडी आढ़तियों का कहना है कि, फरवरी में बारिश ने और मार्च अंत से लॉकडाउन ने आलू, टमाटर के कारोबार को सबसे ज्यादा प्रभावित किया है. क्योंकि मंडी में कोरोना के मरीज मिलने के बाद लोगों ने संक्रमण के डर से आलू टमाटर और प्याज की खरीद कम कर दी है. वहीं जिसका नतीजा ये हुआ की लोगों को महंगाई का सामना करना पड़ रहा है. टमाटर, आलू खरीदने से पहले लोगों को कई बार सोचना पड़ रहा है.ऐसे में सवाल ये की, क्या इससे आम जनता पर प्रभाव नहीं पड़ेगा, खेत से सीधे जनता तक फल और सब्जियां पहुंचाने से क्या महंगाई से निजात मिल पाएगी या नही. साथ ही सवाल ये भी है कि, कब तक जनता मंहगाई की मार झेलती रहेगी.
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