गूगल प्ले स्टोर से हटेंगे 99 एकड़ और शादी डॉट कॉम समेत भारत के ये 10 बड़े ऐप्स, बताई ये वजह

गूगल प्ले स्टोर से हटेंगे 99 एकड़ और शादी डॉट कॉम समेत भारत के ये 10 बड़े ऐप्स, बताई ये वजह

Google Play Store: गूगल प्ले स्टोर का बिलिंग मुद्दा एक बार फिर गर्मा गया है। बिल पेमेंट ना करने वाले ऐप डेवलपर्स के खिलाफ अमेरिकी प्ले स्टोर कंपनी ने कार्रवाई करने का फैसला लिया है। 10 भारतीय कंपनियों के ऐप्स को प्ले स्टोर से हटाने की प्रक्रिया गूगल शुरू करने वाली है। इसमें नौकरी डॉट कॉम, शादी डॉट कॉम, 99 एकड़ डॉट कॉम कई फेमस ऐप्स के नाम शामिल हैं। सर्च इंजन कंपनी का कहना है कि इन ऐप डेवलपर्स ने उनकी गाइडलाइंस को नहीं माना है, इस वजह से यह कार्रवाई की जा रही है।

गूगल ने लिया फैसला

गूगल प्ले स्टोर की पेमेंट पॉलिसी को गूगल ने अपडेट किया है। इन कंपनियों ने प्ले स्टोर की सर्विस फीस का पेमेंट नहीं किया है। खबर के अनुसार, इस कारण से नाराज होने की वजह से अपने प्ले स्टोर से 10 भारतीय ऐप्स को हटाने का फैसला लिया है। ऐसा इसले क्योंकि ये कंपनियां गूगल को सर्विस फीस अदा करने में लगातार असफल रही हैं।

प्ले स्टोर से हटेंगी 10 भारतीय ऐप्स

जिन एप को गूगल प्ले स्टोर से हटाएगी उनमें क्वैक क्वैक, स्टेज,शादी डॉट कॉम,इंफोएज के मालिकाना हक वाले ऐप जैसे की नौकरी डॉट कॉम, और 99 एकड़ डॉट कॉम जैसे नाम शामिल हैं। आपको बता दें, गूगल और भारतीय स्टार्टअप के बीच सर्विस फीस को लेकर विवाद चल रहा है। भारतीय स्टार्टअप का कहना है कि गूगल की सर्विस फीस काफी ज्यादा है।

इतना सर्विस फीस काटती है गूगल

गूगल इन-ऐप पर्चेज और प्ले स्टोर से ऐप डाउनलोड करने पर 26 फीसदी तक सर्विस फीस काटती है। स्टार्टअप इस चीज का विरोध करते हैं। पेमेंट पॉलिसी के तहत गूगल ने अपने ब्लॉग पोस्ट में ऐप हटाने की बात को कंफर्म किया है। बता दें, कंपनी ने किसी कंपनी का नाम ब्लॉग पोस्ट में नहीं लिया है। ब्लॉग पोस्ट में गूगल ने बताया कि कंपनियों को तीन साल और सुप्रीम कोर्ट के ऑर्डर के तहत तीन हफ्ते देने के बाद हमने जरूरी फैसले लिए हैं। गूगल का कहना है कि इससे कंपनी की पॉलिसी को अमलीजामा पहनाने में मदद मिलेगी। अगर दुनिया के किसी भी हिस्से में हमारी पॉलिसी का उल्लंघन होने पर हम यही करते हैं।

गूगल ब्लॉग पोस्ट में कही यह बात

गूगल ने ब्लॉग पोस्ट में कहा कि इन कंपनियों को तीन साल और सुप्रीम कोर्ट के ऑर्डर के तहत तीन हफ्ते देने के बाद हमने जरूरी कदम उठाए हैं। गूगल का मानना है कि इससे कंपनी की पॉलिसी को अमलीजामा पहनाने में मदद मिलेगी. अगर दुनिया के किसी भी हिस्से में हमारी पॉलिसी का उल्लंघन होने पर हम यही करते हैं।

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