चीन से इश्क फरमाने के बाद मालदीव के होश आए ठिकाने, अब भारत को ‘sorry’ बोलने आ सकते है मुइज्जू के विदेश मंत्री

चीन से इश्क फरमाने के बाद मालदीव के होश आए ठिकाने, अब भारत को ‘sorry’ बोलने आ सकते है मुइज्जू के विदेश मंत्री

India-Maldives Relations: भारत और मालदीव के रिश्तों में बढ़ते तनावके बीच एक अच्छी खबर सामने आ रही है। मालदीव के विदेश मंत्री मूसा जमीर इस महीने भारत दौरे पर आ सकते हैं। खबर आ रही है कि दोनों देश जमीर की यात्रा को अंतिम रूप देने के लिए कूटनीतिक संपर्क में हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, मूसा जमीर अगले हफ्ते की शुरुआत में भारत आ सकते हैं। अगर ऐसा हुआ तो चीन समर्थक राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के कार्यकाल में यह मालदीव की पहली उच्च स्तरीय यात्रा होगी। इस दौरान भविष्य के दौरों, कर्ज राहत और रक्षा सहयोग पर चर्चा हो सकती है।

पिछले साल नवंबर में भारत समर्थक इब्राहिम सोलिह को हराकर मोहम्मद मुइज्जू मालदीव के राष्ट्रपति बने थे, जिसके बाद से भारत और मालदीव के रिश्तों में तनाव आ गया है। मुइज्जू भारत के साथ रक्षा और सुरक्षा सहयोग को सीमित करने के लिए काम कर रहा है। खासकर मालदीव से भारतीय सैनिकों को वापस बुलाने के मुद्दे पर दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ गया। दरअसल, मालदीव में भारतीय सैनिकों द्वारा भारतीय हेलीकॉप्टरों का संचालन किया जाता रहा है।

चुनाव के बीच मूसा जमीर का दौरा अहम

मालदीव की हाई प्रोफाइल यात्रा भारत में चल रहे संसदीय चुनावों के बीच होगी, इसलिए यह अनुमान लगाया जा रहा है कि भारत पीएम मोदी के दूसरे कार्यकाल के दौरान आखिरी हाई प्रोफाइल अतिथि की मेजबानी करेगा। उम्मीद है कि मालदीव के विदेश मंत्री का दौरा 10 मई के आसपास हो सकता है। उधर, मालदीव ने भी भारतीय सैनिकों की वापसी की आखिरी तारीख 10 मई तय की है। अब भारतीय हेलीकॉप्टरों का संचालन भारतीय सैनिकों की बजाय भारतीय तकनीकी टीम करेगी। मालदीव में, राष्ट्रपति की पहली यात्रा हमेशा भारत की रही है, जबकि मोहम्मद मुइज्जू ने जनवरी में अपनी पहली राजकीय यात्रा के लिए चीन को चुना। उन्होंने अपनी यात्रा के दौरान बीजिंग के साथ कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए और बाद में चीन से मुफ्त रक्षा सहायता के लिए एक और समझौते पर हस्ताक्षर किए।

भारत से नरमी की मांग कर सकता है मालदीव

उम्मीद है कि इस यात्रा के दौरान जमीर अपने समकक्ष एस जयशंकर से मुलाकात करेंगे और साल के अंत में मुइज्जू की भारत यात्रा की संभावना पर चर्चा कर सकते हैं। मालदीव के अधिकारियों ने पहले दावा किया था कि उन्होंने शपथ ग्रहण के तुरंत बाद नवंबर में मुइज्जू की भारत यात्रा का प्रस्ताव रखा था। ऐसी अटकलें हैं कि ज़मीर मालदीव की लगातार सरकारों द्वारा लिए गए ऋणों के पुनर्भुगतान में भी भारत से उदारता की मांग कर सकते हैं। इस दौरान दोनों देशों के बीच रक्षा और सुरक्षा सहयोग को आगे बढ़ाने के तरीकों पर भी चर्चा होने की संभावना है।

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