धोखाधड़ी से सावधान! नकली DigiLocker ऐप से आपका डेटा सुरक्षित नहीं, यूज़र्स ऐसे करें असली की पहचान

धोखाधड़ी से सावधान! नकली DigiLocker ऐप से आपका डेटा सुरक्षित नहीं, यूज़र्स ऐसे करें असली की पहचान

Fake DigiLocker App Alert:भारत में डिजिटल डॉक्यूमेंट वॉलेट के रूप में लोकप्रिय DigiLocker के नाम का दुरुपयोग करते हुए कई फर्जी ऐप कि जो असली से बहुत मिलते-जुलते दिखते हैं अब डिजिटल धोखाधड़ी और डेटा चोरी का कारण बन सकते हैं। Ministry of Electronics and Information Technology (MeitY) ने हाल ही में ऐसी नकली ऐप्स को लेकर सार्वजनिक चेतावनी जारी की है।

सरकार की चेतावनी

MeitY ने बताया है कि इन नकली ऐप्स को गूगल प्ले स्टोर और ऐपल ऐप स्टोर पर फैलाया जा रहा है, जिनका उद्देश्य संवेदनशील निजी दस्तावेज़ जैसे आधार, पैन, ड्राइविंग लाइसेंस, वाहन रजिस्ट्रेशन, एकेडमिक सर्टिफिकेट आदि चुराना है। यदि कोई असली नहीं ऐप इंस्टॉल कर लेता है, तो उसके डॉक्यूमेंट्स और व्यक्तिगत जानकारी पहचान, पहचान-पत्र, बैंक/वैवाहिक/प्रोफाइल जानकारी पर चोरी, मिसयूज़ या पहचान चोरी (identity theft) का जोखिम हो सकता है। सरकार ने कहा है कि यदि आपने गलती से फर्जी ऐप इंस्टॉल कर लिया है, तो उसे तुरंत डिलीट करें और उस ऐप से जुड़े किसी भी खाते या पासवर्ड को तुरंत बदल दें। 

असली DigiLocker ऐप कैसे पहचानें

  1. डिवेलपर का नाम:असली ऐप उसका डेवलपर दिखाता है। जैसे - National e‑Governance Division (NeGD), Government of India।
  2. सरकारी वेबसाइट से लिंक:यदि आप आधिकारिक वेबसाइट digilocker.gov.in से ही दिए गए लिंक से ऐप डाउनलोड करते हैं तो ही भरोसा करें।
  3. नाम और स्पेलिंग चेक करें:'DigiLocker' शब्द की स्पेलिंग ठीक होनी चाहिए। मिसस्पेलिंग या अलग वर्ड (जैसे DigiLocker-Pro, Digi Locker, DigiLockr आदि) से बचें।
  4. थर्ड-पार्टी / अनजान डेवलपर से ऐप न लें:केवल Google Play या Apple App Store से और ऑफिशियल डेवलपर द्वारा प्रकाशित ऐप ही डाऊनलोड करें। थर्ड-पार्टी फाइल या संदिग्ध स्रोत से इंस्टॉल न करें।

क्यों है यह सतर्कता ज़रूरी?

आज के समय में हमारे पहचान-पत्र, पैन, आधार, ड्राइविंग लाइसेंस, शैक्षणिक प्रमाणपत्र सब कुछ डिजिटल रूप में सुरक्षित रखने का रुझान बढ़ा है। DigiLocker जैसी सेवाएँ सुविधाजनक, फास्ट और भरोसेमंद होती हैं। लेकिन जैसे-जैसे भरोसा बढ़ा है, उसी के साथ धोखाधड़ी और साइबर अपराधी भी सक्रिय हो गए हैं। सरकार की यह चेतावनी हमें याद दिलाती है कि डिजिटल सुरक्षा में सावधानी उतनी ही ज़रूरी है जितनी असली सेवाओं की उपयोगिता। फेक ऐप्स से सुरक्षा का भरोसा उठ सकता है: पहचान चोरी, डेटा लीक, वित्तीय हानि जैसी समस्याएँ हो सकती हैं।

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