दिल्ली प्रदूषण को लेकर SC ने की सख्त टिप्पणी, CAQM और राज्य सरकार से पूछे सवाल

दिल्ली प्रदूषण को लेकर SC ने की सख्त टिप्पणी, CAQM और राज्य सरकार से पूछे सवाल

Supreme Court: दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण की वजह से यहां के लोग काफी परेशान हैं। इसी को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने आज, 1 दिसंबर को सुनवाई के दौरान सख्त टिप्पणी की। अदालत ने कहा कि वो चुप नहीं बैठ सकते हैं। कोविड के दौरान किस तरह लोग नीला आसमान देख पा रहे थे। चीफ जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि पराली जलाना तो प्रदूषण का एक कारण है, लेकिन ये किसी के लिए राजनीतिक और अहम वजह नहीं बनना चाहिए।

कोर्ट ने CAQM से किया सवाल

इसके साथ ही कोर्ट ने CAQM (कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट) और राज्य सरकार से पूछा है कि प्रदूषण को कम करने के लिए क्रियान्वित योजना कहा हैं? सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि CAQM और राज्य प्राधिकारियों को कमर कसना चाहिए और दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण पर रोक लगाने के लिए उठाए गए कदमों पर विचार करना चाहिए। कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में कहा है कि हम क्रियाशील योजना से चिंतित हैं।

सिर्फ पराली जलाना वजह नहीं- CJI

वहीं, इस सुनवाई के दौरान CJI सूर्यकांत ने कहा कि हम बेकार नहीं बैठ सकते! कोविड के दौरान लोग नीला आकाश और तारे क्यों देख पाए? सीजेआई ने ये भी कहा कि पराली जलाना प्रदूषण का सिर्फ एक सोर्स है। इसे राजनीतिक और अहंकार की लड़ाई नहीं बनना चाहिए। दिल्ली में प्रदूषण सिर्फ पराली जलाने के कारण नहीं है। हमें दिल्ली में प्रदूषण के अन्य कारणों को रोकने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदम बताएं।

CAQM ने कोर्ट से क्या कहा?

इस सुनवाई के दौरान कोर्ट ने बताया कि सुनवाई के दौरान CAQM ने कोर्ट को बताया कि हमने हितधारकों से सलाह ली है। इस पर एएसजी ने कोर्ट से कहा कि हम सभी प्राधिकरणों-हरियाणा, पंजाब, सीपीसीबी आदि पर की गई कार्रवाई रिपोर्ट दर्ज कर सकते हैं। फिर सीजेआई सूर्यकांत ने कहा कि हम बेकार नहीं बैठ सकते, हम मान नहीं सकते या अनुमान नहीं लगा सकते, समाधान विशेषज्ञों से आना होगा। अदालतों के पास ऐसा हो भी सकता है और नहीं भी, लेकिन यह निश्चित रूप से सभी हितधारकों को बैठने और विचार-विमर्श करने के लिए एक साथ आना होगा।

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