Hanuman Ji Puja On Choti Diwali: दीपावली का पावन पर्व हर वर्ष उत्साह और भक्ति की लहर लेकर आता है। इसकी शुरुआत धनतेरस से होती है और समापन भाई दूज पर, लेकिन पांच दिवसीय इस यात्रा का दूसरा दिन, छोटी दिवाली या नरक चतुर्दशी, विशेष महत्व रखता है। 2025में यह त्योहार 20अक्टूबर को मनाया जाएगा, जब चतुर्दशी तिथि दोपहर 3:44बजे तक रहेगी। इस दिन भगवान कृष्ण द्वारा राक्षस नरकासुर के वध की स्मृति में अच्छाई की जीत का उत्सव होता है। घरों में दीप जलाए जाते हैं, अभ्यंग स्नान किया जाता है और नकारात्मक ऊर्जा को दूर भगाने के लिए विशेष उपाय अपनाए जाते हैं।
इस साल छोटी दिवाली पर हनुमान जी की पूजा का विशेष महत्व है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, नरक चतुर्दशी की रात्रि में हनुमान जी को चौमुखी दीपक अर्पित करने से जीवन के सभी बिगड़े काम सुलझ जाते हैं। यह उपाय न केवल शनि-मंगल दोषों को दूर करता है, बल्कि भूत-प्रेत और कुप्रभाव से भी रक्षा प्रदान करता है।
छोटी दिवालीतिथि
हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि 19अक्टूबर दोपहर 1:51बजे से शुरु होकर 20अक्टूबर दोपहर 3:44बजे तक रहेगी।
अभ्यंग स्नान मुहूर्त:20अक्टूबर सुबह 5:12से 6:25बजे तक।
यम दीपक मुहूर्त:शाम 5:50से 7:02बजे तक।
यह पर्व न केवल कृष्ण की विजय का प्रतीक है, बल्कि आत्म-शुद्धि का भी अवसर प्रदान करता है। मान्यता है कि इस दिन अभ्यंग स्नान (तिल या सरसों के तेल से मालिश के बाद स्नान) करने से नरक की यातनाओं से मुक्ति मिलती है। घर की सफाई, रंगोली और दीप प्रज्वलन से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। हनुमान जी की पूजा इस दिन अतिरिक्त लाभदायक मानी जाती है, क्योंकि वे राम भक्त के रूप में बाधाओं को दूर करने वाले माने जाते हैं।
हनुमान जी को चौमुखी दीपक करें अर्पित
ज्योतिष विशेषज्ञों के अनुसार, नरक चतुर्दशी की रात हनुमान जी की उपासना के लिए सर्वोत्तम समय है। चौमुखी दीपक (चार मुख वाला दीपक) जलाने से जीवन में आने वाली सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं। यह उपाय सरल है, लेकिन श्रद्धा से किया जाए तो चमत्कारिक परिणाम देता है।
पूजा विधि
1. सबसे पहले स्नान कर साफ-सुथरे कपड़े पहनें। पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख कर आसन ग्रहण करें। हनुमान जी के समक्ष चौमुखी दीपक स्थापित करें।
2. दीपक में घी या सरसों का तेल भरें। चारों बत्तियां प्रज्वलित करें। दीपक को घर के ईशान कोण (उत्तर-पूर्व) में रखें। प्रज्वलन करते हुए मंत्र जपें: "ॐ हं हनुमते रुद्रात्मकाय हुं फट्" (कम से कम 108बार)।
3. हनुमान जी को लाल चंदन, फूल और अगरबत्ती अर्पित करें। हनुमान चालीसा का पाठ करें। भोग में बूंदी के लड्डू या तिल-गुड़ का प्रसाद चढ़ाएं। नारियल भी अर्पित किया जा सकता है।
4. कपूर की आरती उतारें। तीन परिक्रमा करें और प्रार्थना करें कि आपके बिगड़े काम सुलझें।
5. पूजा के बाद दीपक को बुझाएं नहीं, स्वयं बुझने दें। प्रसाद को परिवार में वितरित करें।
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