Padma Awards 2025: मंगलवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 69 लोगों को पद्ध सम्मान से सम्मानित किया। यह कार्यक्रम राष्ट्रपति भवन में आयोजित किया गया था। साध्वी ऋतंभरा, मरनोपरांत शारदा सिन्हा, साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र में योगदान के लिए मरनोपरांत बिबेक देबरॉय, कला-लोक नृत्य के क्षेत्र मेंडॉ. शोभना चंद्रकुमार और श्रीमती कुमुदिनी रजनीकांत लाखिया सहित 69 लोगों को अलग-अलग क्षेत्रों में योगदान देने के लिए सम्मानित किया गया। इस दौरान वहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह सहित कई अन्य नेता मौजूद थे। गौरतलब है कि बीते माह 71 लोगों को पद्म पुरुस्कार दिया जा चुका है। इस साल कुल 139 लोगों को पद्म सम्मान दिया गया।
क्या होता है पद्म पुरुस्कार?
26जनवरी यानी गणतंत्र दिवस से एक शाम पहले हर साल देश के सबसे ज्यादा प्रतिष्ठित और सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म पुरस्कार घोषित किए जाते हैं। इस साल भी गणतंत्र दिवस के मौके पर राष्ट्रपति ने 139पद्म पुरस्कारों को मंजूरी दी है। इन पद्म पुरस्कारों की सूची में 7पद्म विभूषण, 19पद्म भूषण और 113पद्मश्री शामिल हैं। साल 2025में पद्म पुरस्कार की सूची में 23महिलाएं, 10विदेशी और 13मरणोपरांत सम्मान पाने वाले शामिल हैं। गणतंत्र दिवस से एक शाम पहले पद्म पुरस्कारों की अनाउंसमेंट के बाद यह सम्मान मार्च या अप्रैल में दिया जाता है। दरअसल, पद्म पुरस्कार को भारत का सबसे सर्वोच्च नागरिक सम्मान माना जाता है। इसकी शुरुआत साल 1954 में हुई थी।
बिबेक देबरॉय (मरणोपरांत) - साहित्य और शिक्षा
साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र में योगदान के लिए बिबेक देबरॉय को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मरणोपरांत पद्म भूषण से सम्मानित किया है। उनकी पत्नी ने उनकी ओर से यह पुरस्कार ग्रहण किया। बिबेक देबरॉय एक अर्थशास्त्री थे, जिन्होंने प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया और वे उल्लेखनीय कार्यों के लेखक भी हैं।
डॉ. शोभना चंद्रकुमार - कला-लोक नृत्य
डॉ. शोभना चंद्रकुमार को कला-लोक नृत्य के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से पद्म भूषण सम्मान मिला।
साध्वी ऋतंभरा - सामाजिक कार्य
वहीं साध्वी ऋतंभरा को सामाजिक कार्य के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से पद्म भूषण सम्मान मिला।
कुमुदिनी रजनीकांत लाखिया (मरणोपरांत) - कला
वहीं कुमुदिनी रजनीकांत लाखिया को कला के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मरणोपरांत पद्म विभूषण से सम्मानित किया। उनके पोते ने उनकी ओर से यह पुरस्कार ग्रहण किया।
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