नई दिल्ली: देश में तीसरा लॉकडाउन जारी है. यह लॉकडाउन 17 मई को खत्म हो रहा है. सरकार ने अभी तक आगे की कोई रणनीति नहीं बताई है. इस लॉकडाउन में गृह मंत्रालय ने एक नई गाइलाइन जारी की थी. जिसमें अलग-अलग राज्यों में फंसे मजदूरों को वापिस लाने का आदेश दिया था. जिसके बाद सभी राज्यों ने अपने राज्य के प्रवासी मजदूरों को वापिस लाने के लिए बसें लगाई. रेलवे मंत्रालय ने स्पेशल श्रमिक ट्रेन चलाई. जिसमें मजदूरों को वापिस लाया गया. लेकिन, पश्चिम बंगाल सरकार ने प्रवासी मजदूरों को वापिस बुलाने के लिए कोई कदम नहीं उठाया. जिसके बाद गृह मंत्री अमित शाह ने ममता सरकार को एक खत लिखा. जिसके बाद से इस खत पर एक सियासी उबाल पैदा हो गया.
बता दें कि इस कोरोना संकट में मजदूर राज्यों के लिए बड़ी समस्या बनी. जिसके बाद से मजदूरों ने भी लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाई. कुछ राज्यों ने मजदूरों को वापिस लाने के लिए साफ मना कर दिया था. बाद में अब मजदूरों को वापिस बुलाया जा रहा है. वहीं, गृह मंत्री अमित शाह के खत पर TMCसांसद अभिषेक बनर्जी ने कहा कि अमित शाह इस पर भी राजनीति कर रहे है. केन्द्र सरकार कोरोना संकट में अपनी नाकामी छिपा रही है. केन्द्र को ऐसी राजनीति नहीं करनी चाहिए. अमित शाह झूठ का पुलिंदा बांध रहे है. ऐसे आरोपों पर अमित शाह को माफी मांगनी चाहिए.
अमित शाह ने खत में ममता सरकार से मजदूरों पर चुप्पी को लेकर हमला किया था. उन्होंने कहा था कि ममता को चुप्पी तोड़नी चाहिए. प्रदेश के मजदूरों को वापिस बुला जाए. केन्द्र सरकार लगातार इस ओर कदम उठा रही है. मजदूरों को वापिस गृह राज्य भेज रही है. बंगाल के मजदूर राज्य जाने के लिए काफी परेशान है. ममता सरकार इस संकट में सहयोग नहीं कर रही है. ममता सरकार को देश की ओर कोई ध्यान नहीं है.
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