
UP News: उत्तर प्रदेश सरकार ने महिलाओं को सशक्त बनाने और औद्योगिक विकास को गति देने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई वाली सरकार ने फैक्ट्रीज एक्ट, 1948में संशोधन करते हुए महिलाओं को रात की शिफ्ट में काम करने की अनुमति दे दी है। यह नियम शाम 7बजे से सुबह 6बजे तक लागू होगा, लेकिन केवल तभी जब महिला कर्मचारी लिखित सहमति दें। इस सहमति के साथ दोगुना वेतन, CCTV निगरानी, सुरक्षित परिवहन और सिक्योरिटी गार्ड जैसी विशेष सुविधाएं भी सुनिश्चित की गई हैं।
महिलाओं के लिए नाइट शिफ्ट मजबूरी नहीं
बता दें, उत्तर प्रदेश सरकार के श्रम विभाग ने मंगलवार को गजट अधिसूचना जारी की, जिसमें स्पष्ट किया गया है कि कोई भी संगठन महिलाओं को रात की शिफ्ट के लिए मजबूर नहीं कर सकता। यदि कोई महिला सहमति नहीं देती, तो उसके वेतन में कटौती, छंटनी या किसी प्रकार की सजा नहीं दी जा सकती। अगर महिला को रात की शिफ्ट करने में कोई दिक्कत नही है तो उन्हें लिखित में सहमति देनी होगी, जिसे श्रम विभाग में पंजीकृत किया जाएगा, जिससे ताकि पारदर्शिता बनी रहे।
मालूम हो कि यह संशोधन अक्टूबर के पहले सप्ताह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा उत्तर प्रदेश फैक्ट्रीज संशोधन एक्ट को मंजूरी मिलने के बाद लागू हुआ है। मुख्यमंत्री कार्यालय के एक प्रवक्ता ने बताया 'यह कदम महिलाओं को समान अवसर प्रदान करने और राज्य को 1ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लक्ष्य में सहायक साबित होगा। यूपी में महिलाओं के खिलाफ अपराधों में दोषसिद्धि दर 71प्रतिशत है, जो राष्ट्रीय औसत 18प्रतिशत से कहीं ज्यादा है। हम 'कवच' सुरक्षा उपायों के साथ महिलाओं की सुरक्षा को प्राथमिकता दे रहे हैं।' तो वहीं, विशेषज्ञों का मानना है कि इससे फैक्ट्रियों, आईटी सेक्टर, हॉस्पिटैलिटी और हेल्थकेयर में महिलाओं की भागीदारी बढ़ेगी, जो वर्तमान में 36प्रतिशत के आसपास है।
नाइट शिफ्ट के लिए सुरक्षा सुनिश्चित
संगठनों को निर्देश दिए गए हैं कि वे रात के समय स्वास्थ्य सुविधाएं, अलग-अलग शिफ्ट टाइमिंग और पर्याप्त रोशनी सुनिश्चित करें। इसके अलावा महिलाओं के लिए ओवरटाइम की सीमा को 75घंटे से बढ़ाकर प्रति तिमाही 144घंटे कर दिया गया है और इसके बदले दोगुना वेतन मिलेगा। महिलाएं सप्ताह में अधिकतम 6दिन काम कर सकेंगी। रात की शिफ्ट में कम से कम 4महिलाओं की उपस्थिति सुनिश्चित करनी होगी। परिवहन सुविधा अनिवार्य होगी, जिसमें महिलाओं के लिए अलग वाहन और पर्याप्त सुपरविजन शामिल है।
कार्यस्थल पर कैंटीन, शौचालय और कपड़े बदलने की सुविधाएं नजदीक होंगी। इसके अलावा टेक्सटाइल मिल्स, टैनरी और अन्य 29 श्रेणियों में अब महिलाएं राउंड-द-क्लॉक काम कर सकेंगी, लेकिन यह तभी मुमकिन है जब सुरक्षा मानक पूरे हों। श्रम विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा 'यह सुधार महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत बनाएगा और उद्योगों को लचीलापन प्रदान करेगा। डिजिटल मॉनिटरिंग सिस्टम से सुरक्षा पर नजर रखी जाएगी।'
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