Coldrif Syrup: मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले से शुरू हुई एक दर्दनाक त्रासदी अब पूरे देश को झकझोर रही है। 'कोल्ड्रिफ' कफ सिरप के सेवन से किडनी फेलियर के कारण 14मासूम बच्चों की मौत हो चुकी है, जिसमें मध्य प्रदेश में 10और राजस्थान में 4बच्चे शामिल हैं। लैब टेस्ट में सिरप में 48.6%डायथाइलीन ग्लाइकॉल (DEG) नामक घातक रसायन की मौजूदगी पाई गई, जो किडनी और लीवर को नष्ट कर सकता है।
इस खुलासे के बाद तमिलनाडु, केरल और मध्य प्रदेश में सिरप की बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया है, जबकि छह राज्यों में व्यापक जांच शुरू हो गई है। इसके अलावा केंद्र सरकार ने भी 2वर्ष से कम उम्र के बच्चों को कफ सिरप न देने की सलाह जारी की है।
छिंदवाड़ा में मासूमों का सफर मौत तक
मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले के परासिया ब्लॉक में 07सितंबर से अब तक 27दिनों के अंदर 10बच्चों की मौत हो चुकी है। ये बच्चे उम्र में 1से 5वर्ष के बीच के थे और ज्यादातर सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर कफ की शिकायत लेकर पहुंचे थे। डॉक्टरों ने उन्हें 'कोल्ड्रिफ' सिरप लिखा, जो तमिलनाडु के कांचीपुरम स्थित स्रेसन फार्मास्यूटिकल्स द्वारा निर्मित है। मृतकों में से कम से कम 7बच्चों को यह सिरप दिया गया था।
शुरुआत में मौतों को सामान्य किडनी इंफेक्शन बताया गया, लेकिन परिवारों की शिकायतों के बाद जांच तेज हुई। तमिलनाडु ड्रग्स कंट्रोल डिपार्टमेंट की लैब रिपोर्ट ने पुष्टि की कि बैच नंबर SR-13 (मई 2025में निर्मित, अप्रैल 2027तक वैलिड) में 48.6% DEG मिला था। यह रसायन ब्रेक फ्लूइड और एंटी-फ्रीज में इस्तेमाल होता है, जो इंसानी शरीर के लिए जहर के समान है।
कई राज्यों में बैन हुई दवा
तमिलनाडु में मेंसिरप का निर्माण स्थल होने के नाते सबसे पहले कार्रवाई। 01अक्टूबर से बिक्री पर पूर्ण बैन, फैक्ट्री सील, स्टॉक जब्त। डिप्टी डायरेक्टर एस. गुरुभरती ने इसे "भारत का पहला केस" बताया, जहां 48घंटों में जांच, टेस्टिंग और बैन लागू हो गया। वहीं, केरल में स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने शनिवार को बैन की घोषणा की। राज्य में संदिग्ध बैच नहीं बिका, लेकिन सावधानी के तौर पर सभी वितरकों को रोकने के आदेश। उन्होंने कहा 'बच्चों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता।'
मध्य प्रदेश में पूर्ण बैन, कंपनी के सभी उत्पादों पर रोक। छिंदवाड़ा में छापेमारी से सिरप जब्त। एक डॉक्टर प्रवीण सोनी को अवैध प्रिस्क्रिप्शन के आरोप में गिरफ्तार किया गया। राजस्थान में 4मौतों के बाद ड्रग कंट्रोलर निलंबित, जयपुर की केसन्स फार्मा के 19उत्पादों पर रोक। डेक्सट्रोमेथॉर्फन युक्त सभी कफ सिरपों की जांच।
2023से जुड़ा हुआ है मामला?
डायथाइलीन ग्लाइकॉल सस्ता ग्लिसरीन विकल्प है, लेकिन यह घातक है। 2023 में गाम्बिया में 70 बच्चों की मौत के बाद भारत ने कफ सिरप निर्यात पर रोक लगाई थी। अब घरेलू बाजार में भी यह समस्या उभर रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि फार्मा कंपनियां लागत बचाने के लिए नॉन-फार्माकोपिया ग्रेड सामग्री इस्तेमाल कर रही हैं।
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