खून से सनी बिहार की मिट्टी ने लिखी डरावनी सच्चाई, दुश्मनी-संपत्ति और परिवार का मुद्दा बना हत्याओं की वजह

खून से सनी बिहार की मिट्टी ने लिखी डरावनी सच्चाई, दुश्मनी-संपत्ति और परिवार का मुद्दा बना हत्याओं की वजह

Bihar Crime Rate: बिहार की मिट्टी में खून की होली खेलना कोई नई बात नहीं है। हाल के दिनों में पटना, समस्तीपुर और अररिया जैसे जिलों में हुई हत्याओं ने एक बार फिर राज्य की कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। इस बीच, नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो (NCRB) के ताजा आंकड़ों की मानें तो साल 2023में बिहार में कुल 2,862हत्याएं दर्ज हुईं, जो 2022के 2,930मामलों से थोड़ी कम हैं। लेकिन कुल अपराध दर में 5.7%की वृद्धि हुई है, जो राज्य की सियासत को गरमा रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि ज्यादातर हत्याओं के पीछे व्यक्तिगत दुश्मनी, संपत्ति विवाद और पारिवारिक कलह ही प्रमुख कारण हैं।

हत्याओं के आंकड़ों का आईना

NCRB की 'क्राइम इन इंडिया 2023' रिपोर्ट के अनुसार, बिहार पूरे देश में हत्या के मामलों में दूसरे नंबर पर रहा, पहले नंबर पर उत्तर प्रदेश है। 2023में 2,862हत्याओं में से हर महीने औसतन 238मामले दर्ज हुए। यह संख्या 2020के 3,150से घटकर आई, लेकिन 2024के पहले छह महीनों में ही 1,376हत्याएं हो चुकी हैं, जो साल भर के औसत से ज्यादा है। NCRB के आंकड़ों से पता चलता है कि 2015से 2024तक बिहार में कुल अपराध 80.2%बढ़े, जबकि राष्ट्रीय औसत केवल 24%रहा। हालांकि, प्रति लाख आबादी पर अपराध दर राष्ट्रीय औसत से कम है, लेकिन हिंसक अपराधों (मर्डर, रायट्स) में बिहार टॉप-5राज्यों में शुमार है।

दुश्मनी बनी हत्या की वजह

NCRB की रिपोर्ट की मानें तो 2023की हत्याओं में 703मामले (करीब 25%) निजी दुश्मनी या पुरानी रंजिश से जुड़े थे। यह ट्रेंड 2022में भी जारी था, जहां 804हत्याएं इसी वजह से हुईं। विशेषज्ञों का कहना है कि ग्रामीण इलाकों में जातीय या व्यक्तिगत बैर पुरानी दुश्मनी को हथियारों का रूप दे देते हैं। अवैध हथियारों की बाढ़ ने इसे और भयावह बना दिया है 2015में 2,356देशी पिस्तौलें बरामद हुईं, जो 2024में बढ़कर 4,981हो गईं। पटना के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया 'दुश्मनी के मामले अक्सर छोटे झगड़ों से शुरू होकर गोलीबारी पर समाप्त होते हैं।'

संपत्ति विवाद ने छीन कई जिंदगियां

संपत्ति और जमीन के झगड़े बिहार की हत्याओं का दूसरा बड़ा कारण हैं। 2023में 500हत्याएं इसी वजह से हुईं, जबकि 2022में यह संख्या 535थी। NCRB के अनुसार, बिहार संपत्ति विवादों में देश में नंबर वन है – 2020में ही 4,838मामले दर्ज हुए। डीजीपी विनय कुमार ने कहा 'जमीन विवादों में पुलिस की भूमिका अपराध के बाद ही शुरू होती है, रोकथाम मुश्किल है।'

फैमिली इश्यू भी बनी वजह

पारिवारिक कलह ने 2023 में 345 हत्याओं को जन्म दिया। ये मामले दहेज, अवैध संबंध या उत्तराधिकार से जुड़े होते हैं। सुपौल में पिता ने 1.6 लाख रुपये सुपारी देकर बेटे की हत्या कराई (मई 2024), वजह – पारिवारिक विवाद। NCRB डेटा बताता है कि आर्थिक कारणों से भी 412 हत्याएं (2022) हुईं, जो फैमिली इश्यू से जुड़ी हैं।राजनीतिक हत्याएं कम रहीं – 2023 में केवल 2 मामले, जो राज्य की सियासत में कुछ राहत की बात है।

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