CJI Gavai Shoe Attack: सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को उस वक्त सनसनी फैल गई जब एक वकील राकेश किशोर ने CJI बी.आर. गवई की ओर जूता फेंकने की कोशिश की। अब बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) ने इस मामले पर कड़ी कार्रवाई करते हुए राकेश किशोर को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। अब वह किसी भी कोर्ट, ट्रिब्यूनल या अधिकरण में वकालत नहीं कर सकेंगे। BCI ने उनके वकालत लाइसेंस को रद्द कर दिया है और अनुशासनात्मक जांच के आदेश दिए हैं। उन्हें 15 दिनों के भीतर जवाब देने के लिए नोटिस जारी किया गया है।
CJI- इसे इग्नोर करें, कार्रवाई नहीं चाहिए
इस अभूतपूर्व घटना के बाद भी CJI बी.आर. गवई ने बड़े ही संयम से काम लिया। सुप्रीम कोर्ट के सूत्रों के मुताबिक, उन्होंने रजिस्ट्रार और सुरक्षा अधिकारियों से कहा कि घटना को नजरअंदाज कर दिया जाए। हालांकि, इसको लेकर कोर्ट की सुरक्षा और सतर्कता बढ़ाने पर मीटिंग की गई। पुलिस ने राकेश किशोर को हिरासत में लिया था लेकिन बाद में कोर्ट परिसर में ही उसे छोड़ दिया गया।
सोनिया गांधी-यह संविधान पर हमला है
घटना को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ CJI पर हमला नहीं बल्कि संविधान पर हमला है। “CJI गवई बहुत दयालु रहे, लेकिन अब समय है कि पूरा देश उनके साथ खड़ा हो और इस कृत्य की निंदा करे,” उन्होंने कहा।
‘देवता से पूछो’ टिप्पणी से जुड़ा था विवाद
पूरा मामला उस वक्त तूल पकड़ा जब कुछ दिन पहले CJI गवई ने मध्यप्रदेश के एक मंदिर में भगवान विष्णु की प्रतिमा पुनर्स्थापना याचिका खारिज करते हुए टिप्पणी की थी — “अब खुद देवता से पूछो।” वकील राकेश किशोर ने इसी टिप्पणी से आहत होकर कोर्ट में नारेबाज़ी की और जूता फेंकने की कोशिश की। बाद में उन्होंने स्वीकार किया कि उनका निशाना CJI थे, लेकिन जूता जस्टिस विनोद चंद्रन की ओर चला गया, जिनसे उन्होंने माफी मांगी। सुप्रीम कोर्ट के अन्य वकीलों ने भी इस कृत्य की निंदा करते हुए सख्त कार्रवाई की मांग की।
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