Kisan Protest Against Ordinance: सीएम सिटी करनाल में किसानों का ‘हल्लाबोल’, तीनों अध्यादेश को वापिस लेने की मांग

Kisan Protest Against Ordinance: सीएम सिटी करनाल में किसानों का ‘हल्लाबोल’, तीनों अध्यादेश को वापिस लेने की मांग

करनाल: हरियाणा में केन्द्र सरकार के तीनों अध्यादेशों को वापिस लिए जाने की मांग को लेकर किसानों ने विरोध प्रदर्शन किया और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. किसानों का कहना है कि सरकार किसानों को बर्बाद करने पर तुल गई है. सरकार किसानों की ओर नहीं देख रही है. वहीं, सीएम सिटी करनाल में किसानों ने ट्रैक्टरों पर काले झंडे लगाकर प्रदर्शन किया. किसानों ने लघु सचिवालय में पहुंचकर प्रशासनिक अधिकारी प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा.

किसानों का कहना है कि केंद्र सरकार ने हालिया समय में तीन कृषि अध्यादेश लागू किए हैं. डीजल के दामों में वृद्धि की है केंद्र सरकार के यह सभी कदम किसान विरोधी हैं. कोरोना वायरस की महामारी के दौरान कृषि क्षेत्र किसान की मेहनत के कारण ही देश की अर्थव्यवस्था का पहिया घूम रहा है. ऐसी महामारी में जब देश की संसद भी बंद है. उस समय का फायदा उठाकर केंद्र सरकार अलोकतांत्रिक तरीके से बिना किसानों की सलाह मशविरा करे अध्यादेश लेकर आई है. इन आदेशों के कारण किसानों के भविष्य एवं खाद्य सुरक्षा पर गंभीर संकट मंडराने लगा है.

पहला अध्यादेश के तहत केंद्र सरकार ने मण्डीकरण कानून में बदलाव कर कंपनियों एवं व्यापारियों को हरियाणा में बनी अनाज मंडियों के बाहर किसानों की फसल खरीदने की छूट दी है. जिससे हरियाणा और पंजाब में बना मंडीकरण ढाँचा टूट जाएगा लाखों की संख्या में मंडियों में काम करने वाले मजदूर, मुनीम, आढ़तियों की रोजी रोटी पर गहरा संकट गहरा जाएगा. हरियाणा पंजाब में मंडियों के बंद होने से किसानों की फसलें पूंजीपतियों की कंपनिया कम दामों पर खरीदकर भारी शोषण करेगी और इस अध्यादेश के तहत किसानों की फसलों को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदे जाने की गारंटी भी सरकार ने नहीं दी है.

इस अध्यादेश के बाद अब जब किसानों की फसलें तैयार होंगी तो बड़े व्यापारी और कंपनियां गठजोड़ कर किसानों की उत्पादों के दाम बाजार में गिरा देंगे एवंम किसानों का भारी शोषण करेगी. अगर सरकार ने बरोदा उपचुनाव से पहले इन अध्यादेशों को वापिस नहीं लिया तो सभी किसान संगठन, आढ़ती संगठन उपचुनाव में सरकार के खिलाफ डटेंगे.

 

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