
नई दिल्ली: ISROको लेकर आज यानी 04 नवंबर 2023 को एक चौंकाने वाली खबर आई। यह खबर दक्षिण भारत के मीडिया संस्थानों में प्रकाशित हुई। जिसमें कहा गया कि ISROप्रमुख डॉ.एस.सोमनाथ ने पूर्व ISROप्रमुख के. सिवन पर आरोप लगाया है। सोमनाथ ने कहा कि सिवन ने उनके ISROप्रमुख बनने में बाधा डाली थी। सिवन नहीं चाहते थे कि सोमनाथ ISROप्रमुख बनें। सोमनाथ ने यह आरोप अपने जीवन पर आधारित किताब 'निलावु कुदिचा सिंहंगल' में लगाया है।
जब मीडिया ने इस बारे में सोमनाथ से बात की तो उन्होंने कहा कि किसी भी संगठन में शीर्ष पद तक पहुंचने के लिए हर व्यक्ति को कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। कई चुनौतियों से पार पाना होगा। उन्हें भी ऐसी ही समस्याओं का सामना करना पड़ा। उन्होंने कहा कि मैंने अपने जीवन की चुनौतियों के बारे में लिखा है। किसी पर कोई व्यक्तिगत टिप्पणी नहीं की। वह किसी एक व्यक्ति के खिलाफ नहीं हैं।
किसी भी एक ऊंचे पद के लिए कई लोग उपयुक्त होते हैं। मैं बस इस मुद्दे को उठा रहा था। मैंने किसी भी एक व्यक्ति पर निशाना नहीं साधा है। हालांकि सोमनाथ ने यह भी बताया कि चंद्रयान-2 कैसे फेल हुआ था। सोमनाथ ने कहा कि चंद्रयान-2 मिशन जल्दबाजी के चक्कर में फेल हुआ। क्योंकि उसे लेकर जितने टेस्ट होने चाहिए थे।।। वो नहीं हुए थे।
किताब किसी की आलोचना करने के लिए नहीं -सोमनाथ
सोमनाथ ने कहा कि उनकी किताब में चंद्रयान-2 की विफलता का असली कारण मौजूद है। इसमें उन्होंने लिखा है कि चंद्रयान-2 की विफलता की घोषणा के वक्त जो गलतियां की गईं, उन्हें छुपाया गया। सोमनाथ का मानना है कि जो हो रहा है उसे वैसे ही बताया जाना चाहिए। सच्चाई लोगों के सामने आनी चाहिए। इससे संस्थान में पारदर्शिता आती है। इसीलिए किताब में चंद्रयान-2 की विफलता का जिक्र किया गया है।
यह आत्मकथा लोगों को प्रेरित करने के लिए लिखी गई है। ताकि लोग अपनी चुनौतियों से लड़ते हुए आगे बढ़ने की प्रेरणा ले सकें। यह किताब किसी की आलोचना करने के लिए नहीं लिखी गई है। ना ही ऐसी कोई मंशा है। यह किताब जल्द ही बाजार में आ जाएगी।
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