IAF: एयर चीफ मार्शल एपी सिंह का बयान, बोले- भारत को आयरन डोम जैसे एयर डिफेंस सिस्टम की जरूरत, S400 का इंतजार

IAF: एयर चीफ मार्शल एपी सिंह का बयान, बोले- भारत को आयरन डोम जैसे एयर डिफेंस सिस्टम की जरूरत, S400 का इंतजार

Air Chief Marshal AP Singh: भारतीय वायुसेना के प्रमुख एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह ने हाल ही में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर कोई बदलाव नहीं आया है, लेकिन भारत और चीन के बीच तनाव निरंतर बना हुआ है। उन्होंने चीन द्वारा सीमा पर तेजी से बुनियादी ढांचे के विकास की ओर इशारा करते हुए कहा कि यह भारतीय वायुसेना के लिए एक चुनौती है, जिसे समग्र सैन्य क्षमताओं को सुधार कर और अन्य तरीकों से पूरा किया जा रहा है।

चीन की सैन्य तैयारियों के साथ मुकाबला

एयर चीफ मार्शल ने बताया कि चीन अपने सीमावर्ती क्षेत्रों में लगातार इन्फ्रास्ट्रक्चर विकसित कर रहा है, जिससे भारतीय वायुसेना को भी अपनी क्षमताओं को बढ़ाने की जरूरत महसूस हो रही है। उन्होंने पूर्वी लद्दाख में नए एयरबेस और एडवांस लैंडिंग ग्राउंड बनाने की योजना का उल्लेख किया, जो भारतीय वायुसेना की तैयारी को मजबूत करेगा।

आयरन डोम जैसे डिफेंस सिस्टम की आवश्यकता

इजराइल के आयरन डोम एयर डिफेंस सिस्टम पर बात करते हुए, एयर चीफ मार्शल ने स्पष्ट किया कि यदि भारत पर इजराइल की तरह कोई मिसाइल हमला होता है, तो सभी मिसाइलों को रोकना संभव नहीं होगा। उन्होंने कहा कि भारत को आयरन डोम जैसे अतिरिक्त डिफेंस एयर सिस्टम की आवश्यकता है और इसके लिए रणनीतिक क्षेत्रों की पहचान की जानी चाहिए।

रूस से S400सिस्टम की डिलीवरी की उम्मीद

उन्होंने बताया कि रूस से तीन S400एयर डिफेंस सिस्टम मिल चुके हैं और अगले वर्ष तक शेष दो की डिलीवरी की उम्मीद है। रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण इनकी डिलीवरी में कुछ देरी हो रही है।

आग्निवीर योजना का सकारात्मक फीडबैक

एयर चीफ मार्शल ने अग्निवीर योजना के संदर्भ में कहा कि यदि जरूरत पड़ी, तो 25प्रतिशत से अधिक अग्निवीरों को स्थायी करने के लिए वायुसेना तैयार है। उन्होंने कहा कि अब तक अग्निवीरों का फीडबैक बहुत अच्छा रहा है और वायुसेना केवल उपकरणों पर ही नहीं, बल्कि अपने कर्मियों के कौशल को भी निखारने पर ध्यान दे रही है।

आत्मनिर्भरता की दिशा में कदम

आत्मनिर्भरता के प्रयासों पर जोर देते हुए एयर चीफ मार्शल ने कहा कि भविष्य में सभी हथियार और विमान प्रणाली भारत में विकसित की जाएंगी। उन्होंने तेजस, एएमसीए और अन्य प्रोजेक्ट्स पर काम की जानकारी साझा की, यह उल्लेख करते हुए कि 2047तक सभी का विकास भारत में ही होगा।

फाइटर जेट्स की कमी से जूझती वायुसेना

एयर चीफ मार्शल ने फाइटर जेट्स के घटते स्क्वाड्रनों का भी जिक्र किया। वर्तमान में भारतीय वायुसेना के पास केवल 31फाइटर स्क्वाड्रन हैं, जबकि इसकी आवश्यकता 42स्क्वाड्रन की है। उन्होंने कहा कि मिग-21बाइसन और मिग-29जैसे विमानों के रिटायरमेंट के कारण यह समस्या और गंभीर हो सकती है।

इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह ने भारतीय वायुसेना की सुरक्षा चुनौतियों, आवश्यकताओं और आत्मनिर्भरता की दिशा में उठाए गए कदमों के बारे में व्यापक जानकारी दी, जो भविष्य में देश की रक्षा को और मजबूत बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण होगी।

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