Cervical Cancer से पूनम ही नहीं हर रोज इतनी महिलाएं तोड़ रही दम, जानें कितनी खतरनाक है ये बीमारी

Cervical Cancer से पूनम ही नहीं हर रोज इतनी महिलाएं तोड़ रही दम, जानें कितनी खतरनाक है ये बीमारी

Cervical Cancer:एक्ट्रेस और मॉडल ने 32 साल की उम्र में इस दुनिया को अलविदा कह दिया है। गुरुवार रात सर्वाइकल कैंसर से उनकी मौत हो गई। पूनम के मैनेजर ने इस बात की पुष्टि की है। मैनेजर ने कहा, ''उनका कल रात निधन हो गया।'' उनके निधन की खबर सबसे पहले उनके आधिकारिक इंस्टाग्राम हैंडल पर साझा की गई। पूनम के इंस्टा पोस्ट में लिखा था, ''आज की सुबह हमारे लिए मुश्किल है। "बड़े दुख के साथ हमें आपको सूचित करना पड़ रहा है कि हमने सर्वाइकल कैंसर के कारण अपनी प्यारी पूनम को खो दिया है।"

पूनम पांडे की पोस्ट में आगे लिखा, “उनके साथ संपर्क में जो भी रहा उसे प्यार और खुशी मिली। इस दुख की इस घड़ी में, हम प्राइवेसी का अनुरोध करते हैं।” पूनम की इस खबर से हर कोई चौंक गया है। फैंस को उनके निधन पर विश्वास नहीं हो रहा है। पूनम ने कभी भी किसी के सामने पब्लिक या प्राइवेट स्पेस में अपने सर्वाइकल कैंसर का जिक्र नहीं किया था।

सर्वाइकल कैंसर के बढ़ते मामले

सर्वाइकल कैंसर महिलाओं के लिए दूसरी सबसे खतरनाक बीमारी है। सभी प्रकार के कैंसर के लगभग 18 प्रतिशत मामले महिलाओं में होते हैं। हर साल सर्वाइकल कैंसर के करीब 1 लाख 20 हजार नए मामले सामने आते हैं। जिसमें 77 हजार से ज्यादा महिलाओं की मौत हो जाती है।  इसका मतलब है कि हर दिन लगभग 211 महिलाएं सर्वाइकल कैंसर के कारण अपनी जान गंवाती हैं। देश में केवल एक प्रतिशत महिलाएं ही सर्वाइकल कैंसर की जांच कराती हैं। जबकि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) का कहना है कि कम से कम 70 प्रतिशत महिलाओं को सर्वाइकल कैंसर की जांच करानी चाहिए।

क्या है ये बीमारी

स्तन कैंसर के बाद सर्वाइकल कैंसर दूसरा सबसे आम कैंसर है। यह एक जानलेवा बीमारी है, लेकिन अगर सही समय पर इलाज मिल जाए तो इससे बचा जा सकता है। महिलाओं के गर्भाशय के निचले हिस्से में मौजूद ये कोशिकाएं गर्भाशय ग्रीवा (uterine cervix) में तेजी से विकसित होती हैं।

सर्वाइकल कैंसर का कारण क्या है?

सर्वाइकल कैंसर का मुख्य कारण ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (HPV) है। इस वायरस के संक्रमण से सर्वाइकल कैंसर होने का खतरा सबसे ज्यादा होता है। ऐसा माना जाता है कि यह असुरक्षित यौन संबंध से फैलता है। इस बीमारी में गर्भाशय ग्रीवा की कोशिकाएं प्रभावित होती हैं। इससे गर्भाशय ग्रीवा के आंतरिक ऊतक प्रभावित होते हैं और फिर यह शरीर के अन्य हिस्सों में भी फैल जाता है।

 

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