
Military Exercises: चीन-पाकिस्तान से सटे सीमा पर भारत के तीनों सेनाओं का सैन्य अभ्यास की तैयारी की जा रही है। सेना की ये तैयारी एक साथ दोनों मोर्चों पर अपनी सैन्य टुकड़ी को मजबूत बनाने का है। ईस्टर्न कमांड के नेतृत्व में 11 से 15 नवंबर, 2025 को अरुणाचल प्रदेश के मेचुका में ट्राई सर्विस एक्सरसाइज होने जा रही है। कोशिश ये की जा रही है कि है तीनों सेनाओं में तालमेल बेहतर कर अपनी ऑपेरशनल कैपेबिलिटी को बढ़ाई जा सके। अरुणाचल प्रदेश का मेचुका वास्तविक नियंत्रण रेखा यानि लाइन ऑफ एक्चुअल (LAC) से लगभग 30 किलोमीटर दूर है।
क्या है सैन्य अभ्यास का उद्देश्य?
ये अभ्यास थलसेना की हाल ही में गठित इकाइयों-भैरव बटालियन, अशनि प्लाटून और दिव्यास्त्र आर्टिलरी बैटरियों का भी प्रदर्शन करेगा। ये नए ढांचे सेना के आधुनिकीकरण और पुनर्गठन की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है और इन्हें सेव एंड रेज मॉडल के तहत तैयार किया गया है, ताकि राज्य के खजाने पर कोई एक्स्ट्रा बोझ न पड़े।
इस सैन्य अभ्यास का उद्देश्य भूमि, वायु और समुद्र की समन्वित क्षमता यानि मल्टी डोमेन इंटीग्रेशन का सत्यापन करना, इंटरऑपरेबिलिटी और कमान-संरचनाओं में काम करना और ऊंचे पहाड़ी इलाकों के अनुसार, रणनीतिक प्रक्रियाओं की कसौटी परखना है। ये अभ्यास ऊंचाई वाले इलाकों में युद्धक फुर्ती और अनुकूलन क्षमता बढ़ाने के लिए सुधारित टैक्टिक्स, तकनीक और प्रक्रियाओं का परीक्षण करेगा।
सीमा पर सैन्य हमलों में तेजी लाने की तैयारी
बता दें कि सेना ने नई सामरिक जरूरतों के अनुसार, गठित अपनी कुल 25 में से अब तक 5 भैरव लाइट कॉम्बैट बटालियन को ऑपरेशनल कर दिया है। ये इकाइयां चीन और पाकिस्तान सीमा पर दुश्मन पर तेजी से हमला करने के लिए डिजाइन की गई हैं। अब हर एक इन्फैंट्री यूनिट में अब अशनि प्लाटून शामिल की जा रही है, जिसे इंटेलिजेंस, सर्विलांस, टोही (ISR) और लॉइटरिंग म्युनिशंस के लिए ड्रोन से लैस किया जा रहा है।
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