
New Delhi: दक्षिणी बंदरगाह शहर सिडोन के पास लेबनान के सबसे बड़े फ़िलिस्तीनी शरणार्थी शिविर में रविवार को भारी झड़पें हुईं। इस घटना में कम से कम पांच लोगों की मौत हो गई और 7 लोग घायल हो गए। वहीं, फिलिस्तीनी समूह फतह ने एक ऑपरेशन के दौरान कमांडर अशरफ अल-आर्मोची और उनके 4 साथियों की मौत की पुष्टि हुई है।
जाने क्या है पूरा मामला
फतह गुट लेबनान में फिलिस्तीनी शिविरों की सुरक्षा और स्थिरता को कमजोर करने के उद्देश्य से किए गए घृणित और कायरतापूर्ण अपराध की निंदा करता है। वहीं, फिलिस्तीनी अधिकारियों ने बताया कि एक अज्ञात बंदूकधारी ने सशस्त्र समूह के सदस्य महमूद खलील को मारने की कोशिश की। हालांकि खलील को तो कुछ नहीं हुआ लेकिन उसका एक साथी मारा गया। इसके बाद ऐन अल-हिलवे शिविर में लड़ाई शुरू हो गई। इस घटना में कम से कम पांच लोगों की मौत हो गई। वहीं, सात लोग घायल हो गए हैं। लेबनान की सरकारी एजेंसी का कहना है कि घायलों में दो बच्चे भी शामिल हैं।
लेबनानी सेना ने बताया कि शिविर के बाहर एक सैन्य बैरक पर मोर्टार का गोला गिरा। इससे एक जवान घायल हो गया, जिसकी हालत स्थिर है।
50 हजार से ज्यादा लोग रहते हैं
ऐन अल-हिलवे शिविर अपनी अराजकता के लिए जाना जाता है। वहां हिंसा आम बात है। संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि शिविर में लगभग 55,000लोग रहते हैं, जिसे 1948में इजरायली सेना ने विस्थापित फिलिस्तीनियों को रखने के लिए स्थापित किया था, जिसे फिलिस्तीनी नकबा के नाम से जानते हैं। वहीं, UNRWA के मुताबिक, लेबनान में 450,000से ज्यादा फिलिस्तीनी रहते हैं। इनमें से अधिकतर लोग 12शरणार्थी शिविरों में से एक में रहते हैं।
सुबह भी जारी रही फायरिंग
असॉल्ट राइफलों और रॉकेट चालित ग्रेनेड लॉन्चरों के साथ समूहों के बीच झड़पें हुईं और शिविर पर ग्रेनेड फेंके गए। सुबह कई घंटों तक लड़ाई रुकी रही। हालांकि एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अभी भी छिटपुट फायरिंग हो रही है। कहा जाता है कि फ़िलिस्तीनी जनरल और उसके गार्डों की हत्या के बाद लड़ाई फिर से भड़क गई है।
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