नहीं थम रहा चीन और ताइवान का विवाद, सीमा पर चीनी सेना का युद्ध अभ्यास

china taiwan news: चीन और ताइवान के बीच का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। ताइवान के समुद्री किनारों पर चीन की सेनाओं की कारगुजारियां युद्ध जैसी ही हैं।चीन की आर्मी ताइवान को चारों ओर से घेर रही है। लंबी दूरी के लाइव रॉकेट फायर कर रही है। और जंगी जहाजों को तैनाती असली जंग को ध्यान में रखकर की गई है। चीन ने ताइवान के आस-पास दो दिन की मिलिट्री ड्रिल में 10 घंटे की लाइव फायरिंग ड्रिल की है। इस दौरान चीनी सेना ने ताइवान को घेरने और उसके मुख्य बंदरगाहों को ब्लॉक करने का अभ्यास किया. इन अभ्यासों में ताइवान और उसके मुख्य बंदरगाहों, कीलुंग और काओशुंग की नाकेबंदी का भी अभ्यास किया गया। चीन की सेना ने शक्ति प्रदर्शन के साथ-साथ ताइवान के खिलाफ इन्फॉर्मेशन वॉर भी तेज कर दिया है। एक विदेशी चीनी मिलिट्री कमेंटेटर ने कहा कि इस कैंपेन का मकसद विदेशी लोगों को यह यकीन दिलाना है कि ताइवान की सेना और उपकरण PLA के हमले का सामना नहीं कर पाएंगे।
ताइवान का मुद्दा चीन का अंदरूनी मामला
चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने कहा कि, "ताइवान का मुद्दा चीन का अंदरूनी मामला है और यह चीन के मुख्य हितों का केंद्र है। ताइवान की आजादी की ताकतों की लगातार उकसावे वाली हरकतों और अमेरिका द्वारा ताइवान को बड़े पैमाने पर हथियार बेचने के जवाब में, हम निश्चित रूप से उनका कड़ा विरोध करेंगे और जवाबी कार्रवाई करेंगे। चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने कहा कि, 'कानून के अनुसार ताइवान का पूरी तरह से एकीकरण हासिल करना और हमारी राष्ट्रीय संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा करना हमारा ऐतिहासिक मिशन है जिसे हमें पूरा करना ही है।'सोमवार को PLA के ईस्टर्न थिएटर कमांड ने ताइवान के आस-पास के पानी और एयरस्पेस में नौसेना के जहाजों और विमानों के साथ मिलकर जॉइंट ड्रिल की। इन अभ्यासों में समुद्र और जमीन पर मौजूद टारगेट पर नकली हमले, एयर-कंट्रोल ऑपरेशन और एंटी-सबमरीन मिशन पर फोकस किया गया.इन ड्रिल्स का मकसद चीन की वायु सेना और नौसेना के बीच बेहतर तालमेल दिखाना था।
ताइवान ने की अमेरिका से डील
बता दें कि चीन की ओर से उकसावे वाली ये हरकतें वाशिंगटन द्वारा 18 दिसंबर को ताइवान को नए हथियारों की बिक्री की घोषणा के बाद शुरू हुईं है।अमेरिका ने ताइवान को 11 बिलियन डॉलर की हथियारों की बिक्री की घोषणा की है। ये डील ताइवान के लिए सबसे बड़ी डील है. इस डील में रॉकेट आर्टिलरी सिस्टम, लंबी दूरी की मिसाइलें, सेल्फ-प्रोपेल्ड हॉवित्जर, मानवरहित निगरानी प्लेटफॉर्म और संबंधित मिलिट्री सॉफ्टवेयर शामिल हैं।
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