Vice Presidential Election: उपराष्ट्रपति चुनाव 9 सितंबर को होने वाला है, जिसमें बस एक दिन बाकी है। ऐसे में दो तटस्थ दलों के चंद्रशेखर राव के नेतृत्व वाली भारतीय राष्ट्र समिति (BRS) और नवीन पटनायक के नेतृत्व वाली बीजू जनता दल (BJD) ने इस मतदान से दूर रहने का फैसला किया है। दरअसल, ये दोनों दल राष्ट्रीय स्तर पर किसी भी गठबंधन यानि कि ना ही एनडीए और ना ही इंडिया ब्लॉक शामिल हैं।
क्यों नहीं ले रहे मतदान में हिस्सा?
दोनों दलों का कहना है कि वे एनडीए और इंडिया ब्लॉक, दोनों से समान दूरी बनाए रखेंगे और उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान में शामिल नहीं होंगे। बीआरएस के कार्यकारी अध्यक्ष के. टी. रामा राव ने कहा कि उपराष्ट्रपति चुनाव में भाग न लेने का फैसला राज्य में यूरिया की कमी को लेकर तेलंगाना के किसानों की परेशानी की अभिव्यक्ति है।
बीजेपी और कांग्रेस पर लगे ये आरोप
दोनों पार्टियों ने बीजेपी और कांग्रेस दोनों पर यूरिया की कमी के मुद्दे को सुलझाने में सफल न रहने के आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि यूरिया की कमी इतनी ज्यादा है कि कतारों में लगे किसानों के बीच मारपीट हो रही है। केटीआर ने कहा कि यदि उपराष्ट्रपति चुनाव में नोटा का ऑप्शन उपलब्ध होता तो बीआरएस इसका इस्तेमाल कर सकती थी।
सस्मित पात्रा ने वोट न देने की रही बात
वहीं, बीजद नेता सस्मित पात्रा ने कहा कि उनकी पार्टी की प्राथमिकता ओडिशा के साढ़े चार करोड़ लोग हैं। उन्होंने ये भी कहा कि हमारे पार्टी अध्यक्ष नवीन पटनायक द्वारा वरिष्ठ नेताओं, राजनीतिक मामलों की समिति और सांसदों के साथ विचार-विमर्श के बाद, बीजू जनता दल ने कल होने वाले उपराष्ट्रपति चुनाव से दूर रहने का फैसला लिया है। बीजद एनडीए और इंडिया ब्लॉक दोनों से समान दूरी बनाए हुए है। हमारा ध्यान ओडिशा के साढ़े चार करोड़ लोगों के विकास और कल्याण पर केंद्रित है।
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