TWITTER पर एक और मुकदमा दर्ज, मुआवजे में देने पड़ सकते हैं 4000 करोड़ रुपये, जानें पूरा मामला

TWITTER पर  एक और मुकदमा दर्ज, मुआवजे में देने पड़ सकते हैं 4000 करोड़ रुपये, जानें पूरा मामला

TWITTER: एलन मस्क द्वारा ट्विटर को खरीदने के बाद से उनकी मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. कर्मचारियों की छंटनी को लेकर पहले से ही मुकदमे में घिरे ट्विटर के खिलाफ अब कोर्ट में एक और मामला दायर किया गया है। इस बार मस्क की कंपनी पर बुजुर्गों को निशाना बनाकर छंटनी करने और उन्हें नौकरी से निकाले जाने के बाद 4,104करोड़ रुपये (500मिलियन डॉलर) का काटा गया वेतन नहीं देने का आरोप लगा है।

डेलावेयर संघीय अदालत में दायर मुकदमे में ट्विटर के पूर्व वरिष्ठ इंजीनियर क्रिस वुडफील्ड ने आरोप लगाया है कि मस्क द्वारा ट्विटर खरीदने के बाद कंपनी ने पुराने कर्मचारियों को छंटनी का निशाना बनाया और उन्हें बाहर का रास्ता दिखाया। गौरतलब है कि ट्विटर पर लगे तमाम आरोपों के बीच यह नया आरोप है. ट्विटर के खिलाफ मुकदमों में दावा किया गया है कि कंपनी ने विच्छेद वेतन का भुगतान न करके कर्मचारी लाभ योजनाओं से संबंधित संघीय कानूनों का उल्लंघन किया है।

छंटनी के बाद भुगतान न करने का आरोप

बताया गया है कि मुकदमा दायर करने वाले वुडफील्ड ट्विटर के सिएटल कार्यालय में काम करते थे। उनके मुताबिक, कंपनी ने छंटनी के बाद अपने कर्मचारियों से बार-बार कहा था कि उन्हें दो महीने का वेतन और अन्य भुगतान किया जाएगा। लेकिन अब तक उन्हें व अन्य कर्मचारियों को यह राशि नहीं मिली है.

गौरतलब है कि पिछले साल अक्टूबर में ट्विटर को खरीदने के बाद मस्क ने लागत में कटौती के उपायों के तहत कई कर्मचारियों को कंपनी से छुट्टी दे दी थी। कंपनी के पास अब मीडिया संबंध विभाग नहीं है। ट्विटर का कहना है कि उसने छंटनी के बाद अपने सभी निकाले गए कर्मचारियों को पूरा भुगतान भी कर दिया है. हालांकि, पिछले हफ्ते कैलिफोर्निया फेडरल कोर्ट में ट्विटर के खिलाफ मुकदमा भी दायर किया गया था, जिसमें पूर्व कर्मचारियों ने कहा था कि उन्हें भी लगभग 4,104करोड़ रुपये (500मिलियन डॉलर) का विच्छेद वेत

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