
बालिका वधु की आनंदी का किरदार निभाने वाली प्रत्युषा बनर्जी को शनिवार को लाल जोड़े में सजाकर नम आंखों से अंतिम विदाई दी गई। इस दौरान उनके माता-पिता के अलावा रिश्तेदार और फिल्म एवं टीवी जगत के दर्जनों लोग भी उपस्थित थे। बेटी की अंतिम विदाई पर उनके माता-पिता खुद पर काबू नहीं रख पाए और फूट-फूटकर रोने लगे। शुक्रवार को प्रत्युषा अपने फ्लैट में फंदे से लटकी मिली थीं। उनके ब्वॉयफ्रेंड राहुल राज सिंह ने उन्हें कोकिलाबेन अस्पताल पहुंचाया जहां, डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
शनिवार को प्रत्युषा के परिवार के सदस्यों के जमशेदपुर से आने के बाद पुलिस ने गोरेगांव स्थित सिद्धार्थ अस्पताल में पोस्टमार्टम कराया। इसके बाद शव को अंतिम संस्कार के लिए उनके परिजनों को सौंपा गया। बताया जा रहा है प्रत्युषा अपने ब्वॉयफ्रेंड राहुल से शादी करने वाली थीं। उन्होंने ड्रेस डिजाइनर रोहित वर्मा को शादी के जोड़े बनाने का ऑर्डर दिया था। वह उस जोड़े को पहन तो नहीं कर सकीं। लेकिन परिजनों ने गमगीन माहौल में प्रत्युषा को अस्पताल में ही लाल जोड़े में सजाया और उनकी अंतिम यात्र निकाली।
वहीं प्रत्युषा की मौत पर सवाल भी उठ रहे हैं। कलाकारों एजाज खान, राखी सावंत और डॉली बिंद्रा का कहना है कि वह इतनी कमजोर नहीं थी कि मौत को गले लगा ले। इन दोनों अभिनेत्रियों ने बताया कि अस्पताल में जब प्रत्युषा का शव देखा तो उसकी मांग में सिंदूर भी था। इंडस्ट्री के सूत्रों पर भरोसा किया जाए तो इन दिनों प्रत्युषा अपने ब्वॉयफ्रेंड राहुल से खुश नहीं थीं।
प्रत्युषा अपने करियर से भी बहुत खुश नहीं थीं। बालिका वधु से उन्होंने जो सफलता की ऊंचाई देखी थी उसके बाद उन्हें वह मुकाम किसी और धारावाहिक से नहीं मिला। इसलिए वह अपना प्रोडक्शन कंपनी खोलने की सोच रही थीं। इसके लिए वह राहुल को अपना बिजनेस पार्टनर बनाना चाहती थीं। राहुल को प्रत्युषा की मौत के लिए जिम्मेदार बताने से उसके माता-पिता खफा हैं। मुंबई रवाना होने से पूर्व राहुल की मां डॉ. शिवानी सिंह ने कहा कि प्रत्युषा की मौत के लिए उसके परिजन ही जिम्मेदार हैं। प्रत्युषा ने बताया था कि उसकी मां के साथ आईसीआईसीआई बैंक की कांदिवली शाखा में संयुक्त खाता है। इस खाते से उसके चार करोड़ रुपये घरवालों ने निकाल लिए, जिसके बाद से वह मुश्किलों से गुजर रही है। प्रत्युषा मांगलिक थी और इसी साल दिसंबर में शादी होने वाली थी। प्रत्युषा बनर्जी के बचपन में घर की आर्थिक स्थिति बेहतर नहीं थी। उनके दादा ज्योतिष थे और दादी एक स्कूल में पढ़ाती थीं जिससे घर का खर्च चलता था। प्रत्युषा बनर्जी के चाचा दिपांकर बनर्जी की नौकरी मुंबई में लग गई तो वे वहां शिफ्ट हो गए। पिता शंकर बनर्जी और मां सोमा बनर्जी एनजीओ चलाते थे। इससे जो थोड़ा बहुत पैसा मिलता था, उससे ही गुजारा होता था। प्रत्युषा से उन्हें उम्मीद थी कि वह अभिनय के क्षेत्र में कुछ अच्छा करेगी।
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