पेड प्रमोशन को लेकर भड़की यामी गौतम, बोलीं- ये एक दिन सबके लिए हो सकता है नुकदायक

पेड प्रमोशन को लेकर भड़की यामी गौतम, बोलीं- ये एक दिन सबके लिए हो सकता है नुकदायक

Yami Gautam on Paid Promotion: फिल्म 'हक' के रिलीज होने के बाद एक्ट्रेस यामी गौतम काफी तारीफें बटोरी। इसके बाद गुरुवार, 4 दिसंबर को पेड़ प्रमोशन और उसके सिंडिकेट पर उन्होंने अपना गुस्सा जाहिर किया। साथ ही ये भी बताया कि ये कैसे ये क्रिएटिविटी को पीछे धकेल रही है। यामी ने इसको लेकर अपने एक्स अकाउंट पर एक पोस्ट शेयर की है। इस पोस्ट पर यामी को ऋतिक रोशन ने भी उनका साथ दिया। ऋतिक ने भी यामी गौतम की इस बात का सपोर्ट करते हुए कमेंट किया।

यामी ने जताई चिंता

अभिनेत्री यामी गौतम ने हाल ही में अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर एक लंबा पोस्ट शेयर कर फिल्म इंडस्ट्री में चल रही अनैतिक प्रथाओं को लेकर गंभीर चिंता जताई है। यामी ने लिखा कि फिल्म की मार्केटिंग के नाम पर पैसे मांगना और नकारात्मक समीक्षा की धमकी देना अब एक महामारी बन चुकी है, जो इंडस्ट्री के भविष्य के लिए खतरनाक साबित हो सकती है।

यामी ने अपने पोस्ट में कहा कि फिल्म रिलीज़ होने से पहले यदि आप पैसे नहीं देते, तो कुछ लोग लगातार नकारात्मक बातें लिखते रहते हैं। यह केवल जबरन वसूली ही है। यदि कोई इसे सामान्य मानता है और कहता है ‘चलो इसे करते हैं, तो वह गलत है। ये प्रवृत्ति अंतत: सभी को नुकसान पहुंचाएगी।

एक्ट्रेस ने की अपील

उन्होंने इंडस्ट्री के निर्माता, निर्देशक और कलाकारों से अपील की कि वे इस संस्कृति को रोकने के लिए एकजुट हों। यामी ने अपनी बात को और मजबूती देते हुए कहा कि उनकी टीम ने इस फिल्म को बनाने में अथक मेहनत, दूरदर्शिता और धैर्य दिखाया है और इसका उद्देश्य भारतीय सिनेमा को गर्व महसूस कराना है।

यामी का मानना है कि फिल्म निर्माण और प्रमोशन का आनंद बनाए रखना चाहिए और इसे दर्शकों पर छोड़ देना चाहिए कि वे फिल्म के बारे में क्या महसूस करते हैं। उन्होंने निष्कर्ष में कहा कि इंडस्ट्री के माहौल की रक्षा करना सभी पेशेवरों की जिम्मेदारी है।

ऋतिक रोशन ने किया यामी को सपोर्ट

वहीं, यामी के इस पोस्ट पर ऋतिक रोशने ने अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि किसी भी चीज से ज्यादा, जो सुनहरा पहलू खो जाता है और उन्हें और हम सभी को दरिद्र बना देता है,वह है पत्रकारों की सच्ची आवाज। एक ऐसा मौका जो उन्हें एक फिल्म के पीछे की सभी रचनात्मक शक्तियों को यह बताने का मौका देता है कि उन्होंने क्या महसूस किया, क्या सोचा, किसकी सराहना की और किसकी आलोचना की। केवल सच्ची राय ही वह क्षमता रखती है जहां प्रतिक्रिया हमें विकसित होने में मदद करती है। उनकी अपनी स्वतंत्रता का अधिकार अनजाने में ही छीन लिया जाता है और साथ ही हमारे विकास का अवसर भी। उन्होंने आगे लिखा की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के बिना, सच्चाई के बिना जो हमें विकसित होने में मदद करती है। 

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