
नई दिल्ली: दुनिया के लिए जैसे रूस-यूक्रेन युद्ध काफी नहीं था कि चीन ने अब अपनी बुरी नजर ताइवान पर डालना शुरू कर दिया है। दुनिया में तेजी से बदल रहे वैश्विक हालात मानवता और दुनिया के लिए खतरा बनते जा रहे है। दुनिया में तेजी से बदल रहे सामंजस्य में सभी के रूख तलख होते जा रहे है। इसी कडी में ताइवान पर बढ़ते तनाव के बीच, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन और उनके चीनी समकक्ष शी जिनपिंग ने गुरुवार को दो घंटे से अधिक समय तक फोन पर सीधी बातचीत की। शी ने बाइडेन को "आग से नहीं खेलने" की चेतावनी दी है। सिन्हुआ ने शी के हवाले से बाइडेन को बताया, "आग से खेलने वाले जल जाएंगे।" "मुझे उम्मीद है कि अमेरिकी पक्ष इसे पूरी तरह से समझता है," उन्हें यह कहते हुए उद्धृत किया गया था।
इस बीच, व्हाइट हाउस ने बैठक पर एक बयान जारी किया और कहा, "अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन ने आज चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ अमेरिका और पीआरसी के बीच संचार की लाइनों को बनाए रखने और गहरा करने और हमारे मतभेदों को जिम्मेदारी से प्रबंधित करने और हमारे हितों के साथ मिलकर काम करने के लिए बात की।" बयान में कहा गया, "ताइवान पर, अमेरिकी राष्ट्रपति बिडेन ने रेखांकित किया कि संयुक्त राज्य की नीति नहीं बदली है और संयुक्त राज्य अमेरिका यथास्थिति को बदलने या ताइवान जलडमरूमध्य में शांति और स्थिरता को कम करने के एकतरफा प्रयासों का कड़ा विरोध करता है।"
दो घंटे 17मिनट तक चली शी के साथ बाइडेन की बातचीत, डेढ़ साल पहले अमेरिकी राष्ट्रपति बनने के बाद से पांचवीं बातचीत थी। गौरतलब है कि दोनों देशों के बीच ताजा तनाव अमेरिकी कांग्रेस (संसद) के निचले सदन हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव की स्पीकर नैंसी पेलोसी के संभावित दौरे को लेकर पैदा हो गया है।ताइवान एक स्वशासित द्वीप है जिसे चीन अपना हिस्सा मानता है। चीन ने कहा कि वह इस दौरे को उकसाने वाली कार्रवाई के रूप में देखेगा।
अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा प्रवक्ता जॉन किर्बी ने बुधवार को कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि बाइडेन और शी नियमित संपर्क में रहें। व्हाइट हाउस में मीडिया को जानकारी देते हुए किर्बी ने कहा, "भारत-प्रशांत क्षेत्र में चीन के आक्रामक, जबरदस्ती के व्यवहार को लेकर तनाव एजेंडा में सबसे ऊपर होगा।"उन्होंने कहा, "ऐसे मुद्दे हैं जिन पर हम चीन के साथ सहयोग कर सकते हैं और ऐसे मुद्दे हैं जिन पर संघर्ष और तनाव है।"
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