चीन को अरबों डॉलर का झटका देने की तैयारी में अमेरिका, भारत के फुटस्टेप्स को कर रहा है फॉलो

चीन को अरबों डॉलर का झटका देने की तैयारी में अमेरिका, भारत के फुटस्टेप्स को कर रहा है फॉलो

TikTok Ban in US: चीन के साथ 2020 में रिश्ते खराब होने के बाद भारत ने चीनी ऐप TIK-TOKपर प्रतिबंध लगा दिया था। अब इस ऐप को अमेरिका में भी बैन करने की मांग हो रही है. मंगलवार को अमेरिकी संसद में सांसदों द्वारा पेश किए गए बिल में चीनी कंपनी के ऐप TIK-TOKपर प्रतिबंध लगाने की मांग की गई है। 'द प्रोटेक्टिंग अमेरिकन्स फ्रॉम फॉरेन एडवर्सरी कंट्रोल्ड एप्लिकेशन एक्ट' में कंपनी पर चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के साथ संबंध होने का आरोप लगाया गया है और इस ऐप को देश की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बताया गया है।

हाउस सेलेक्ट कमेटी के अध्यक्ष माइक गैलाघेर ने एक प्रेस बयान में कंपनी को चेतावनी देते हुए कहा, “यह TIK-TOKको मेरा संदेश है, CCP(चीनी कम्युनिस्ट पार्टी) के साथ संबंध तोड़ दें या अपना अमेरिकी व्यवसाय बंद कर दें।” उन्होंने यह भी कहा कि हम अमेरिका के सबसे बड़े प्रतिद्वंद्वी को अमेरिका में एक प्रमुख मीडिया प्लेटफॉर्म को नियंत्रित करने का अधिकार नहीं दे सकते।

अमेरिका के दुश्मन देशों की सूची में चीन

पेश किए गए बिल में खास तौर पर TIK-TOKका जिक्र किया गया है. लेकिन यह विधेयक अमेरिका के दुश्मन देशों द्वारा नियंत्रित प्लेटफार्मों पर प्रतिबंध लगाने के लिए एक व्यापक रूपरेखा बनाता है। वाशिंगटन द्वारा शत्रु देशों के रूप में चिह्नित देशों में चीन, रूस, ईरान, उत्तर कोरिया और वेनेजुएला शामिल हैं। अगर यह बिल पास हो जाता है तो बाइटडांस के पास TIK-TOKको बेचने के लिए सिर्फ 5 महीने का समय होगा। अगर कंपनी ऐसा करने में असमर्थ रहती है तो इसे Apple Store और Google Play Store से हटा दिया जाएगा।

"बिल अमेरिकियों के अधिकारों को कुचल देगा"

बिल पर प्रतिक्रिया देते हुए TIK-TOKके प्रवक्ता एलेक्स हाउरेक ने कहा, ''यह बिल TIK-TOKपर पूर्ण प्रतिबंध है, चाहे कानून निर्माता इसे कितना भी छिपा लें, लेकिन यह 170 मिलियन अमेरिकियों और लगभग 5 मिलियन छोटे व्यवसायों के अधिकारों को कुचल देगा।'' टिक-टॉक व्यवसाय और रोजगार को बढ़ावा देने के लिए एक मंच प्रदान करता है।

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