पीछे हटती सेना,देश से भागते युवक...अपने जीवन का सबसे मुश्किल जन्मदिन मना रहे है रूसी राष्ट्रपति!

पीछे हटती सेना,देश से भागते युवक...अपने जीवन का सबसे मुश्किल जन्मदिन मना रहे है रूसी राष्ट्रपति!

नई दिल्लीरूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का आज 70वां जन्मदिन है। लेकिन पुतिन आज अपने जीवन के उस पड़ाव पर हैजहां उनके राष्ट्रपति की छवि जनता के आगे धूमिल हो चुकी है। वहां अब उनकी राष्ट्रपति की छवि लोगों के लिए ज्यादा मायने नहीं रखतीहै। रूस में इस समय महंगाई अपने चरम पर है, रूस के लिए यूक्रेन के साथ जंग गले की हड्डी बन चुकाहै। युद्ध की अपने निर्णायक स्थिति में नहीं पहुंच पा रहा है। लगभग 225 दिनों तक खींच चुका ये युद्ध पुतिन की लोकप्रियता पर भारी पड़ रही है।

अमेरिका और यूरोप के निशाने पर पुतिन

आपको बता दे कि,अतंरराष्ट्रीय मंच पर पुतिन अमेरिका और यूरोप के निशाने पर हैं। उनपर विश्व शांति को खतरे में डालने का आरोप लग रहा है। आलोचकों के अनुसार पुतिन यूक्रेन पर हमले को दुनिया की पंचायत में तर्कसंगत साबित नहीं कर पा रहे हैं। उनके सैनिक मारे जा रहे हैं, सेना विद्रोह कर रही है। वहीं घरेलू मोर्चे पर रूस की इकोनॉमी सिकुड़ रही है। अगस्त में दूसरी तिमाही में रूस की अर्थव्यवस्था में 4 फीसदी की दर से गिरावट दर्ज की गई है। कहा जा सकता है पुतिन अपने 2 दशक से ज्यादा के राजनीतिक दौर में सबसे मुश्किल दौर से गुजर रहे हैं।

देश छोड़कर भाग रहे युवा

पुतिन ने इन चुनौतियों से 3 लाख नए सैनिकों को उतारने का ऐलान किया है। इसके लिए नई भर्तियां की जा रही हैं। लेकिन इसके खिलाफ रूस में जबरदस्त विरोध हो रहा है। नियुक्ति करने वाले अफसरों पर प्राणघातक हमले हो रहे हैं। रूस के शहरों में विरोध प्रदर्शन हो रहा है और युवा देश छोड़कर भाग रहे हैं ताकि उन्हें सेना में शामिल न होना पड़े। एक रिपोर्ट के अनुसार लगभग 3.60 लाख युवा सेना में भर्ती से बचने के लिए जॉर्जिया और कजाकिस्तान की ओर जा चुके हैं। यहां से ये युवा दूसरे देश जाने की तैयारी में हैं। पुतिन के लिए समय अभूतपूर्व चुनौती का है।

दरअसल इस बार यूक्रेन में पुतिन का युद्ध बहुत अलग है। इसे व्यापक रूप से जनता अनावश्यक मान रही है, लोगों का समर्थन कम होता जा रहा है, प्रेस में आलोचनात्मक टिप्पणियां छप रही हैं। पश्चिमी प्रेस में छप रही टिप्पणियां इस ओर इशारा कर रही हैं कि अगर पुतिन इस युद्ध को हार जाते हैं तो चेचेन्या, जॉर्जिया और क्रीमिया को रूस में जोड़कर उन्होंने अपनी राष्ट्र नायक की जो छवि हासिल की है वो ध्वस्त हो सकती है।

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