
नई दिल्ली: व्यापक विरोध के बाद जीरो कोविड पॉलिसी में ढील एक बार फिर चीन को फिर भारी पड़ गया है। पॉलिसी के हटते ही एक बार फिक महामारी तेजी से फैल रही है।मौत के आंकड़े तेजी से बढ़ रहे हैं लेकिन सरकार कुछ नहीं कर पा रही है। स्वास्थ्य एजेंसियों ने अभी अपने हाथ खड़े कर दिए हैं। शी जिनपिंग की सरकार इन पर पर्दा डालने की पुरजोर कोशिश कर रही है। डेथ सर्टिफिकेट में मौत की वजह कोरोना वायरस के बजाय अन्य बीमारियों को बता रही है।
आपको बता दें कि, जब सरकार ने व्यापक विरोध प्रदर्शनों के बीच पिछले महीने कोविड-19 से जुड़ी सख्त पाबंदियों में ढील देना शुरू कर दिया। कुछ लोगों ने बताया कि कोविड-19 से संक्रमित पाए जाने के बावजूद मृत्यु प्रमाणपत्र में मौत की वजह निमोनिया बताई जा रही है। चीन के शवदाह गृहों के बार खड़े लोग कह रहे हैं कि हर दिन 150 लोगों का अंतिम संस्कार किया जा रहा है। फिर भी चीन मौत के आंकड़ों पर पर्दा डाल रहा है।
स्वास्थ्य एजेंसियों ने खड़े कर दिए हाथ
देश के कोविड टेस्टिंग और रिपोर्टिंग सिस्टम में ऐसे बदलाव किए गए हैं कि यह जानना मुश्किल हो गया है कि वायरस कितना व्यापक हो गया है। देश भर में अस्थाई स्वास्थ्य केंद्रों और गहन देखभाल सुविधाओं की स्थापना के साथ अस्पतालों और चिकित्सा सुविधाओं पर दबाव बढ़ रहा है। शंघाई में अतिरिक्त 230,000 अस्पताल बिस्तर उपलब्ध कराए गए हैं। शहर के कुछ स्कूलों ने पहले ही इन-पर्सन क्लास बंद कर दी हैं क्योंकि शिक्षक और कर्मचारी बीमार हैं।
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