
Pakistan Economic Crisis: पाकिस्तान में पहले से महंगाई से जनता त्रस्त है लेकिन अब उनकी मुश्किलें बढ़ने वाली है। जियो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, टैक्स लोडिंड मिनी-बजट को जारी करने के कुछ घंटों बाद, पाकिस्तान ने बुधवार रात पेट्रोल और गैस की कीमतों में ऐतिहासिक वृद्धि की, ताकि महत्वपूर्ण ऋण किश्त को अनलॉक करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) को खुश किया जा सके।पाकिस्तान का आर्थिक संकट किसी से छुपा नहीं है। वहीं इस समय पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार आज अपने सबसे निचले स्तर पर है। बीत्ते दिनों के साथ पाकिस्तान की हालत और खराब हो जा रही है। पाकिस्तान अपने इस बदहाली के दौर से निकलने के लिए एडी चोटी का जोर लगा रहा है।
वहीं इस मुसीबत से निकलने के लिए पाकिस्तान के धिरे-धिरे सारे रास्ते भी बंद होते जा रहे है। लेकिन अभी उसके पास एक उम्मीद बची हुई है, दरअसल देश की आर्थिक बदहाली से बाहर निकालने में सोना (Gold) काम आ सकता है। जी नहीं हम देश के गोल्ड रिजर्व की बात नहीं कर रहे, बल्कि इशारा देश के बलूचिस्तान प्रांत में मौजूद सोने की खदानों की ओर है।
क्या आर्थिक संकट से उभर सकता है पाकिस्तान?
पाकिस्तान का आर्थिक संकट विदेशों से बेतरतीबी से लिए गए कर्ज और भ्रष्टाचार के चलते पाकिस्तान की जनता कर्ज तले दब चुकी है। पाकिस्तानी की जनता के बीच एक अजीब सी हताशा फैली हुई है किसी को कुछ नहीं पताकि अब पाकिस्तान स्थिति से उभरेगा कैसे, वहीं एक रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान के ज्यादातर युवा देश छोड़ने के बारे में सोच रहा है। अब बदहाल पाकिस्तान की इकोनॉमी को देश में मौजूद सोने-तांबे की खानें संकट से उबार सकती हैं! बलूचिस्तान प्रांत में मौजूद इन खानों में सैकड़ों टन सोना भरा पड़ा है। सोने-तांबे के विशाल भंडार का दोहन पाकिस्तान के काम आ सकता है। हालांकि, इसके इस्तेमाल करने को लेकर अभी तक कोई रिपोर्ट या बयान नहीं दिया गया है, लेकिन उम्मीद है कि इस तरीके से देश एक झटके में फिर खड़ा हो सकता है। बात करें इन खदानों में मौजूद स्वर्ण भंडार की तो इस प्रांत में स्थित रेको दिक माइन दुनिया के सबसे बड़े सोने और तांबे की खानों में से एक है।
करोड़ों टन सोने-तांबे का भंडार मौजूद
पाकिस्तान में फैली हतासा के बीच,देश की अर्थव्यवस्था भी काफी नाजुक दौर से गुजर रही है। जहां पाकिस्तान में पहले ही कोई इन्वेस्टमेंट होती नहीं नजर आ रही हैवहीं अब छोटे व्यापार भी अब बर्बाद होते नजर आ रहे है। पाकिस्तान अब विदेशों से मिलने वाली भिख से खुद को बचाने के बारे में सोच रहा है। लेकिन उससे भी कोई राहत मिलती नजर नहीं आ रही है। पाकिस्तान एक बार फिर अब राहत पैकेज के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) समेत अन्य देशों से मदद की गुहार लगा रहा है। समाचार एजेंसी रायटर्स की एक रिपोर्ट की मानें तो पाकिस्तान सरकार के पास इस खदान के रूप में एक महत्वपूर्ण एसेट है। इसमें करोड़ों टन सोने-तांबे का भंडार मौजूद है। रेको दिक खान बलूचिस्तान के चगाई जिले में रेको दिक कस्बे के पास ही स्थित है।
खदानों में 2,50,000 औंस सोने का उत्पादन करने में सक्षम
पाकिस्तान की इस खदान का सबसे बड़ा तांबे-सोने का भंडार है। एक अनुमान के अनुसार, इसमें करीब 590 करोड़ टन का खनिज भंडार है। एक्सपर्ट्स की मानें तो प्रति टन खनिज भंडार में करीब 0.22 ग्राम सोना और करीब 0.41 फीसदी तांबा मिल सकता है। यह खान ईरान और अफगानिस्तान की सीमा के पास एक सुप्त ज्वालामुखी के पास है। पाकिस्तान सरकार अरबों डॉलर की संपदा वाली इस सोने और तांबे की खान से अपनी अर्थव्यवस्था को मदद पहुंचा सकता है।
बलूचिस्तान वह हिस्सा है जो प्राकृतिक संसाधनों के लिहाज से काफी समृद्ध है। इस हिस्से् में इतना सोना है जो पाकिस्तान की गरीबी को दूर कर सकता है। साल 1995 में रेको दिक में पहली बार खुदाई की गई थी। पहले चार महीने में यहां से 200 किलोग्राम सोना और 1700 टन तांबा निकाला गया था। उस समय एक्सपर्ट्स ने उम्मीद जताई थी कि खान में 40 करोड़ टन सोना मौजूद हो सकता है। इस खदान में मौजूद सोने की अनुमानित कीमत करीब दो ट्रिलियन डॉलर बताई जाती है।
ब्लूमबर्ग की बीते साल मार्च महीने में आई एक रिपोर्ट की मानें तो पाकिस्तान की रेको दीक दुनिया में सबसे बड़े अविकसित तांबे और सोने के भंडार में से एक है, जो आधी शताब्दी से अधिक समय तक 2,00,000 टन तांबे और 2,50,000 औंस सोने का उत्पादन करने में सक्षम है। खनन परियोजना को 2011 में निलंबित कर दिया गया था क्योंकि पाकिस्तान ने बैरिक और एंटोफगास्टा पीएलसी को रेको दीक विकसित करने के लिए एक लाइसेंस देने से इनकार कर दिया था। तब से इसे लेकर विवाद जारी है।
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