
Tulsi Gabbard in India: अमेरिका की नेशनल इंटेलिजेंस डायरेक्टर तुलसी गबार्ड इंडो-पैसिफिक दौरे के तहत इस समय भारत में है। इस बीच, वह भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल की अध्यक्षता मे एक उच्चस्तरीय बैठक में शामिल हुईं। जहां उन्होंने कहा कि अमेरिकी जमीन का इस्तेमाल भारत विरोधी गतिविधियों के लिए नहीं किया जाएगा।
बता दें, भारत में तीन दिवसीय रायसीना डायलॉग में 20 देशों के इंटेलिजेंस चीफ शिरकत करने जा रहे हैं। इससे पहले डोभाल की अध्यक्षता में हुई बैठक में तुलसी गबार्ड ने खालिस्तानियों को लेकर अपना रुख साफ कर दिया है।
किन मुद्दों पर हुई चर्चा?
फिलहाल, बैठक को लेकर अभी कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। लेकिन सूत्रों की मानें तो इस बैठक में अजीत डोभाल और तुलसी गबार्ड के बीच कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई। जिनमें खुफिया जानकारी साझा करने के तरीकों को मजबूत करने पर चर्चा हुई है। इसके अलावा भारत-अमेरिका वैश्विक रणनीतिक भागीदारी के साथ सुरक्षा क्षेत्र में मिलकर काम करने के तरीकों पर सहमति बनी है।
सूत्रों के अनुसार, इस बैठक में भारत ने विदेशी जमीन पर भारत विरोधी गतिविधियों का मुद्दा भी उठाया। इस मुद्दें पर भारत और अमेरिका ने एक-दूसरे को आश्वासन दिया कि आने वाले समय में वह अपनी धरती का इस्तेमाल एक दूसरे के खिलाफ नहीं करेंगे। तुलसी गबार्ड ने कहा कि अमेरिकी जमीन का इस्तेमाल भारत विरोधी गतिविधियों के लिए नहीं किया जाएगा।
3 दिवसीय सम्मेलन 'रायसीना डायलॉग'
बता दें, आज दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भू-राजनीति और भू-आर्थिकी पर केंद्रित 3 दिवसीय सम्मेलन 'रायसीना डायलॉग’ के 10वें संस्करण का उद्घाटन करेंगे। इस बार इसका थीम कालचक्र- पीपुल, पीस एंड प्लैनेट है। इस सम्मेलन में 125 देशों के 3500 से अधिक प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे।
वहीं, तुलसी गबार्ड मुख्य रूप से खुफिया प्रमुखों की बैठक में हिस्सा लेने भारत आई हैं। जिसके बाद वह रायसीना डॉयलाग सम्मेलन में भी शामिल होंगी। बता दें, डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिकी राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के कुछ समय ही पूर्व सांसद और लेफ्टिनेंट कर्नल तुलसी गबार्ड को राष्ट्रीय खुफिया निदेशक (DNI) के पद पर नियुक्त किया था।
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