Tejashwi Yadav On Bihar Election: बिहार की राजनीति में विधानसभा चुनाव से पहले हलचल तेज हो गई है। महागठबंधन (INDIA गठबंधन) में सीट बंटवारे की खींचतान के बीच राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता तेजस्वी यादव ने मुजफ्फरपुर में एक रैली को संबोधित करते हुए बड़ा ऐलान किया। उन्होंने कहा 'इस बार तेजस्वी सभी 243 सीटों पर लड़ेंगे। चाहे बोचहां हो या मुजफ्फरपुर, तेजस्वी संघर्ष करेगा।' साथ ही, उन्होंने कार्यकर्ताओं और मतदाताओं से अपील की कि सभी सीटों पर उनके नाम पर वोट दें। मालूम हो कि INDIA गठबंधन में में शामिल दलों के बीच सीटों का बंटवारा नहीं हुआ है। NDA और विपक्षी इंडिया ब्लॉक के नेता सीट शेयरिंग के मुद्दे पर मंथन कर रहे हैं। ऐसे में तेजस्वी के इस बयान के कई मायने सामने आ रहे हैं।
महागठबंधन में सीट शेयरिंग का पेच
दरअसल, तेजस्वी यादव का यह बयान सीट बंटवारे की मीटिंग्स से ठीक पहले आया है, जिससे सियासी हलकों में अटकलें तेज हो गई हैं। मुजफ्फरपुर में एक रैली में तेजस्वी के बयान पर RJD नेता ने तेजस्वी बिहार को आगे ले जाने के लिए काम करेगा, इस सरकार को हटाने के लिए सबको एकजुट होना होगा। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो तेजस्वी का यह बयान महागठबंधन के सहयोगियों को बड़ा हिस्सा देने के दबाव को झेलते हुए तेजस्वी की ओर से एक रणनीतिक कदम लगता है। यह बयान सतह पर तो एकता का संदेश देता है, लेकिन गहराई में RJD की प्रभुत्व की चाहत झलकती है।
बता दें, बिहार विधानसभा में कुल 243 सीटें हैं और 2025 के चुनावों में NDA (बीजेपी-जेडीयू-एलजेपी) और महागठबंधन (RJD-कांग्रेस-वाम दलों) के बीच कड़ा मुकाबला तय है। 2020 के चुनावों में RJD ने 144 सीटों पर लड़कर 75 जीती थीं, जबकि कांग्रेस को 70 सीटें मिली थीं, लेकिन वह सिर्फ 19 पर सिमट गई। इस बार कांग्रेस और अन्य सहयोगी ज्यादा सीटें मांग रहे हैं, जबकि RJD अपनी मजबूत पकड़ बनाए रखना चाहता है।
राजनीतिक दबाव या जोश हाई करने की कोशिश?
तेजस्वी यादव के इस बयान पर विश्लेषकों का कहना है कि यह कांग्रेस पर दबाव बनाने का हथियार हो सकता है। क्योंकि सीट शेयरिंग पर मंथन अभी भी चल रहा है, लेकिन तेजस्वी का यह ऐलान सहयोगियों में जोश जगाता है और संदेश देता है कि RJD अकेले भी मजबूत है। तेजस्वी ने रैली में बेरोजगारी, पलायन और भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों पर जोर दिया, जो RJD की कोर स्ट्रेंथ हैं। यह बयान RJD कार्यकर्ताओं को यह विश्वास दिलाने का प्रयास है कि पार्टी हर सीट पर पूरी ताकत से लड़ेगी। यह बयान महागठबंधन की एकता को परखने का टेस्ट बन गया है। अगर सीट बंटवारा RJD के हित में होता है, तो यह दबाव कामयाब माना जाएगा। लेकिन अगर गठबंधन में दरार पड़ती है, तो NDA को फायदा हो सकता है।
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