
Iran-Israel Attack: इजरायल और ईरान के बीच 12 जून से शुरू हुआ सैन्य हमला जिसे इजरायल ने 'ऑपरेशन राइजिंग लायन' नाम दिया, 72 घंटों तक चला और दोनों पक्षों को भारी नुकसान पहुंचाया। एक रिपोर्ट की मानें तो इजरायल ने ईरान के सैन्य और परमाणु ठिकानों पर 2300 किलोमीटर दूर तक हवाई हमले किए। जिसमें 406 लोगों की मौत हुई और 654 घायल हुए। वहीं, ईरान ने जवाबी कार्रवाई में 'ऑपरेशन ट्रू प्रॉमिस' के तहत इजरायल पर सैकड़ों बैलिस्टिक मिसाइलें और ड्रोन दागे। जिसके परिणामस्वरूप 16 लोगों की मौत हो गई और 100 से ज्यादा लोग घायल हुए।
इजरायल के हमलों से ईरान को कितना नुकसान हुआ?
बता दें, इजरायल ने 12 जून को ईरान के खिलाफ अपने सबसे बड़े हवाई अभियान की शुरुआत की। जिसमें 200 से अधिक लड़ाकू विमान शामिल थे। इन हमलों ने तेहरान, नतांज, इस्फहान और मशहद जैसे शहरों में सैन्य अड्डों, परमाणु सुविधाओं, और मिसाइल कारखानों को निशाना बनाया। एक रिपोर्ट के अनुसार, इन हमलों में 406 लोग मारे गए, जिनमें 78 नागरिक और 28 बच्चे शामिल हैं। इन हमलों में पांच सैन्य अड्डे और चार परमाणु केंद्र तबाह होने का दावा किया गया।
इन हमलों में ईरान के शीर्ष सैन्य कमांडरों में इस्लामिक रिवॉल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) के कमांडर हुसैन सलामी, सशस्त्र बलों के चीफ ऑफ स्टाफ मोहम्मद बाघेरी, IRGC की एयरोस्पेस फोर्स के कमांडर अमीर अली हाजीज़ादेह, और खातम-अल-अंबिया मुख्यालय के प्रमुख घोलमाली रशीद की मौत हुई। इसके अलावा नौ परमाणु वैज्ञानिकों, जिनमें पूर्व परमाणु ऊर्जा संगठन के प्रमुख फरदून अब्बासी शामिल थे की भी हत्या की गई।
ईरान की जवाबी कार्रवाई से इजरायल को कितना नुकसान हुआ?
दूसरी तरफ, ईरान ने ऑपरेशन ट्रू प्रॉमिस III' और 'ऑपरेशन सीवियर पनिशमेंट' के तहत इजरायल पर 13 से 15 जून तक 300 से अधिक बैलिस्टिक मिसाइलें और 100 से ज्यादा ड्रोन दागे। इन हमलों ने तेल अवीव, हाइफा, जेरूसलम, और बत यम जैसे शहरों को निशाना बनाया। इजरायल में 16 लोगों की मौत की पुष्टि हुई। जबकि 100 से अधिक लोग घायल हुए, जिनमें सात लोग गंभीर रूप से घायल हैं।
इसके अलावा इजरायल के बुनियादी ढांचों को नुकसान पहुंचा है। तेल अवीव और हाइफा में रिहायशी इलाकों और बंदरगाह बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचा। हाइफा में एक बिजली संयंत्र में आग लगने की खबर है। इजरायल की मिसाइल रक्षा प्रणालियों, जैसे पैट्रियट और THAAD ने अधिकांश मिसाइलों को रोक लिया। लेकिन कुछ हाइपरसोनिक मिसाइलें रक्षा प्रणाली को भेदने में सफल रहीं।
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