Myanmar Earthquake: म्यांमार में भूकंप से निकली 334 परमाणु बमों की ऊर्जा, साइंटिस्ट ने किया बड़ा खुलासा!

Myanmar Earthquake: म्यांमार में भूकंप से निकली 334 परमाणु बमों की ऊर्जा, साइंटिस्ट ने किया बड़ा खुलासा!

Myanmar Earthquake: शुक्रवार, 28मार्च 2025, को म्यांमार में 7.7तीव्रता का शक्तिशाली भूकंप आया। इस भूकंप ने भारी तबाही मचाई। भूविज्ञानी जेस फीनिक्स के अनुसार, इससे 334परमाणु बमों के बराबर ऊर्जा निकली। उन्होंने चेतावनी दी कि टेक्टोनिक प्लेटों की हलचल के कारण भूकंप के झटके महीनों तक महसूस किए जा सकते हैं।

बता दें कि,अब तक 1,700से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। 3,400से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। कई लोग अभी भी लापता हैं, जिससे मृतकों की संख्या और बढ़ने की आशंका है। मांडले जैसे बड़े शहरों में हजारों लोग बेघर हो गए हैं। रविवार को 5.1तीव्रता का एक और झटका महसूस किया गया, जिससे लोगों में डर और बढ़ गया।

गृहयुद्ध के कारण राहत कार्यों में बाधा

म्यांमार में गृहयुद्ध के चलते राहत कार्य प्रभावित हो रहे हैं। भूविज्ञानी फीनिक्स ने कहा, "बचाव अभियान पहले से ही मुश्किल था, लेकिन अब यह लगभग असंभव हो गया है।" म्यांमार 1948में स्वतंत्रता के बाद से नागरिक संघर्ष झेल रहा है। कई जातीय समूह स्वायत्तता की मांग कर रहे हैं।

2021में सैन्य तख्तापलट के बाद हालात और बिगड़ गए। 2,600से अधिक विद्रोही समूहों के बीच हिंसा तेज हो गई। मांडले हवाई अड्डा क्षतिग्रस्त हो गया है। नेपीताव हवाई यातायात नियंत्रण टावर ढह गया, जिससे वाणिज्यिक उड़ानें ठप हो गई हैं।

अंतरराष्ट्रीय मदद से राहत कार्य तेज

कई देशों ने म्यांमार को आपातकालीन सहायता भेजी है।

- भारत ने फील्ड अस्पताल और चिकित्सा कर्मियों के साथ दो C-17सैन्य विमान भेजे हैं।

- चीन ने 135से अधिक बचावकर्मी भेजे हैं और 13.8मिलियन डॉलर की राहत सहायता देने का वादा किया है।

- रूस ने 120बचाव और चिकित्सा विशेषज्ञ तैनात किए हैं।

- संयुक्त राष्ट्र (OCHA) ने बताया कि भूकंप से स्वास्थ्य सेवाओं को गंभीर नुकसान हुआ है, जिससे राहत प्रयास और मुश्किल हो गए हैं।

स्थिति गंभीर, लोगों को सतर्क रहने की जरूरत

इस विनाशकारी भूकंप ने म्यांमार को गहरे संकट में डाल दिया है। गृहयुद्ध बचाव कार्यों में रुकावट बना हुआ है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय मदद से राहत और पुनर्वास की कोशिशें जारी हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक, भूकंप के झटके महीनों तक महसूस किए जा सकते हैं। लोगों को सतर्क और सावधान रहने की जरूरत है।

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