भारत और अमेरिका ने अंतरिक्ष में भी मिलाया हाथ, 2024 में लॉन्च करेंगे जॉइंट मिशन

भारत और अमेरिका ने अंतरिक्ष में भी मिलाया हाथ, 2024 में लॉन्च करेंगे जॉइंट मिशन

PM Modi US Visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की संयुक्त राज्य अमेरिका यात्रा के दौरान भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) और अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी NASAआर्टेमिस समझौते पर हस्ताक्षर किया है। नए समझौते का उद्देश्य दोनों देशों के बीच सहयोग को बढ़ावा देना और पृथ्वी की सीमाओं से परे डोमेन का पता लगाना है।

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बैठक के बाद गुरुवार को कहा कि भारत और अमेरिका साल 2024 तक अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन में भारतीय अंतरिक्ष यात्री भेजने के लिए गठजोड़ कर रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी के साथ द्विपक्षीय वार्ता के बाद बाइडेन ने कहा कि भारत और अमेरिका एक साथ विकास के लिए करीब-करीब हर मानवीय कोशिशों में गठजोड़ कर रहे हैं।

हेल्थ से लेकर स्पेस टेक्नोलॉजी पर विस्तार

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि कैंसर, मधुमेह जैसी बीमारियों के टेस्टिंग और इलाज के नये रास्ते तैयार करने में गठजोड़ से लेकर मानवयुक्त अंतरिक्ष उड़ान और 2024 तक अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन में भारतीय अंतरिक्ष यात्री भेजने आदि में गठजोड़ कर रहे हैं। वहीं, भारत के अर्टेमिस संधि में शामिल होने का फैसले की घोषणा के बारे में मोदी ने कहा कि हमने अंतरिक्ष सहयोग में नया कदम आगे बढ़ाया है। उन्होंने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच गठजोड़ की असीमित संभावनाएं हैं।

भारत का गगनयान स्पेसशिप

उल्लेखनीय है कि 1967 के बाह्य अंतरिक्ष संधि पर आधारित अर्टेमिस संधि असैन्य अंतरिक्ष में खोजबीन को दिशानिर्देशित करने के लिए तैयार किये गये गैर-बाध्यकारी सिद्धांतों का एक सेट है। यह 2025 तक चांद पर इंसानों को फिर से भेजने का अमेरिका नीत प्रयास है, जिसका लक्ष्य मंगल और अन्य ग्रहों तक अंतरिक्ष की खोजबीन करना है।

वहीं, भारत पहला मानवयुक्त स्पेसशिप गगनयान भेजने की योजना बना रहा है, जो साल 2024 के अंत या 2025 के शुरुआत में हो सकता है। इससे पहले व्हाइट हाउस के अधिकारी ने कहा था कि नासा और इसरो इस वर्ष मानव युक्त अंतरिक्ष उड़ान के लिए सामरिक ढांचा विकसित कर रहे हैं।

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