
Train Liquor Rules: भारत जैसे देश में ट्रेन में सफर करना लोगों की पहली पसंद मानी जाती है, लेकिन क्या आप ये जानते हैं कि प्लाइट के तरह ट्रेन में सफर करने के लिए भी कुछ नियम बनाए गए हैं। इस नियम को लेकर कई लोगों के मन में ये बड़ा सवाल ये आता है कि क्या ट्रेन में शराब ले जा सकते हैं? फ्लाइट में तो नियम साफ होते हैं, लेकिन ट्रेन के मामले में लोगों को काफी कंफ्यूज हो जाते हैं। वहीं, कई यात्री सोचते हैं कि अगर बोतल सीलबंद है, तो शायद कोई दिक्कत नहीं होगी। वहीं, कुछ का मानना है कि रेलवे में शराब पूरी तरह प्रतिबंधित है। यही कारण है कि यात्रा से पहले सही जानकारी और नियम होना बेहद जरूरी हो जाता है। आइए जानते हैं कि ट्रेन में इसे लेकर क्या नियम है?
क्या है इसके नियम?
अगर आप ट्रेन में शराब ले जा रहे हैं तो इसके नियम आसान हैं। रेलवे नियमों के साथ-साथ राज्य के शराब कानूनों पर भी निर्भर करता है। यानी कि, हर राज्य में शराब को लेकर अलग-अलग कानून लागू होते हैं और ट्रेन उन राज्यों से होकर गुजरती है, इसलिए नियम भी बदल जाते हैं। रेल एक्ट 1989 की धारा 165 रेलवे अधिकारियों को ये अधिकार देती है कि वे किसी भी संदिग्ध या गैर-कानूनी सामान की जांच कर सकें और उसे जब्त कर सकें। इसका मतलब ये है कि ज्यादातर भारतीय रेल रूट्स पर शराब ले जाना अनुमति नहीं है, चाहे बोतल सीलबंद ही क्यों न हो।
क्या है इन राज्यों में शराब को लेकर नियम?
भारत में कुछ राज्यों में शराबबंदी लागू है। जैसे कि गुजरात, बिहार, नागालैंड और लक्षद्वीप। इन राज्यों में शराब खरीदना, बेचना, ले जाना तीनों ही अपराध हैं। इसलिए अगर आपकी ट्रेन किसी ऐसे राज्य से गुजरती है जहां शराबबंदी है, तो शराब ले जाने से आपको परेशानी हो सकती है। अगर आप ऐसे राज्य से आ रहे हैं जहां शराब पर रोक नहीं है, तब भी कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है। जैसे कि बोतल सील बंद होनी चाहिए, शराब का यूज सिर्फ पर्सनल यूज के लिए होना चाहिए और बेचने के तौर पर नहीं होनी चाहिए।
हंगामा करने पर लग सकता है जुर्माना
ट्रेन में शराब पीना, दिखाना या नशे में हंगामा करना पूरी तरह बैन है। रेल एक्ट धारा 145 और भारतीय न्याय संहिता के अनुसार, इस पर 1000 तक का जुर्माना और 6 महीने की जेल हो सकती है। वहीं, अगर आप शराब लेकर किसी शराबबंदी वाले राज्य से होकर गुजरते हैं, तो वहां के एक्साइज कानून लागू आप पर लागू होते हैं।
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