दिल्ली-एनसीआर में ग्रैप 3 नियम होंगे सख्त, 50 प्रतिशत कर्मचारियों के लिए वर्क फ्रॉम होम!

दिल्ली-एनसीआर में ग्रैप 3 नियम होंगे सख्त, 50 प्रतिशत कर्मचारियों के लिए वर्क फ्रॉम होम!

Delhi Pollution: दिल्ली-एनसीआर में लगातार वायु प्रदूषण का लेवल बढ़ता जा रहा है। इस वजह से ग्रैप की पाबंदियों को और भी सख्त करने का फैसला किया गया है। इसके तहत ग्रैप-3 में ग्रैप-4 की कुछ पाबंदियों को शामिल किया जा सकता है। इसमें वर्क फ्रॉम होम की भी सलाह भी शामिल है, जिससे कि प्रदूषण के लेवल को कम करने मदद मिल सके।

केंद्र सरकार की अनुमति

राज्य सरकारें सार्वजनिक, नगर पालिका और निजी ऑफिस को 50 प्रतिशत कर्मचारियों के साथ और भी कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम करने की अनुमति देने पर फैसला लिया जा सकता है। साथ ही इसके लिए केंद्र सरकार से भी अनुमति लिया जा सकता है। दिल्‍ली एनसीआर में शनिवार, 22 नवंबर को एक्यूआई लेवल कई इलाकों में 400 के पार पहुंच गया है, जो काफी गंभीर स्थिति है।

GRAP 1 में क्या है नियम?

बिजली आपूर्ति में कोई कटौती न हो, ताकि डीजल जनरेटर का इस्तेमाल जरूरत न पड़े। ट्रैफिक व्यवस्था सही रहे, ताकि चौराहों और अन्य जगहों पर जाम न लग सके। वहीं, न्यूजपेपर, टीवी, रेडियो आदि में वायु प्रदूषण के दौरान क्या करें क्या न करें को लेकर जागरूकता फैलाएं। सीएनजी, इलेक्ट्रिक बस और मेट्रो सेवाओं के फेरे बढ़ाएं जाएं, ताकि पेट्रोल और डीजल वाहनों का इस्तेमाल कम हो।

GRAP 2 के नियम

केंद्रशासित प्रदेश और एनसीआर की सरकारें यानी उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा जैसे राज्यों की सरकारें एनसीआर के जिलों में अपने कर्मचारियों के लिए ऑफिस टाइमिंग को बदलें। साथ ही इसमें फरीदाबाद, गुरुग्राम, गाजियाबाद और नोएडा शामिल हैं। राज्य सरकारें सरकारी विभागों और नगर निकायों की ऑफिस टाइम में बदलाव करें। केंद्र सरकार दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में अपने कर्मचारियों के लिए टाइमिंग में बदलाव करें।

ग्रेप 3 में ग्रैप 4 के कुछ नियम

एनसीआर के तहत आने वाली राज्य सरकारें और दिल्ली की सरकारें सरकारी, नगर निकायों और प्राइवेट ऑफिस में 50 प्रतिशत वर्क फ्रॉम होम का आदेश लागू कर सकती हैं। केंद्र सरकार अपने कर्मचारियों के लिए 50 प्रतिशत वर्क फ्रॉम होम का फैसला ले सकती हैं। केंद्र शासित प्रदेश और एनसीआर की सरकारें यानी उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा जैसे राज्यों की सरकारें एनसीआर के जिलों में अपने कर्मचारियों के लिए ऑफिस टाइमिंग को बदलें, इसमें फरीदाबाद, गुरुग्राम, गाजियाबाद और नोएडा शामिल हैं। राज्य सरकारें सरकारी विभागों और नगर निकायों की ऑफिस टाइम में बदलाव करें। केंद्र सरकार दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में अपने कर्मचारियों के लिए टाइमिंग में बदलाव करें।   

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