एंटी हिजाब कैंपेन से बिगाड़ा भारत का खेल, ईरान ने लिया इस तरह बदला

एंटी हिजाब कैंपेन से बिगाड़ा भारत का खेल, ईरान ने लिया इस तरह बदला

नई दिल्लीलगातार बदलते वैश्विक समीकरणों के बीच ईरान ने अचानक से भारतीय चाय और चावल का आयात बंद कर दिया है। इस अचानक रोक के कारण के बारे में ईरानी खरीदारों की ओर से कोई स्पष्ट जवाब नहीं मिला है, लेकिन भारतीय निर्यातकों का मानना ​​है कि यह बड़े पैमाने पर देश भर में मजबूत हिजाब विरोधी आंदोलन के बीच पश्चिम एशियाई देश में दुकानें, होटल और बाजार बंद रहना मान रहरे है। वहीं अब भारत सरकार ने ईरान की राजधानी तेहरान में राजदूत से पूछा है कि वो इस बात से हमें अवगत कराएं कि ईरानी खरीददारों ने भारत से चावल और चाय का आयात क्यों बंद कर दिया है।

यह सामान्य घटना नहीं

खबरों के अनुसार, पिछले सप्ताह दो सरकारी अधिकारियों ने इस बात से अवगत कराया था कि भारत की ओर से ईरान से कुछ फलों के आयात पर रोक लगाने के बाद संभवतः ईरान ने बदले की भावना से अचानक भारतीय चाय और चावल का आयात बंद कर दिया है। अधिकारियों ने कहा था कि ईरान के इस निर्णय से हम हैरान हैं क्योंकि ईरान भारतीय चाय और चावल के लिए एक बड़ा बाजार है। वहीं ईरान की ओर से भारतीय चावल और चाय को रोकना एक समान्य घटना नहीं है, क्योंकि भारतीय चावल अन्य देशों से आने वाले चावल की तुलना में बहुत ही सस्ता है। इसलिए ईरान की ओर से लिए गए इस निर्णय का गहरा राजनीतिक प्रभाव है।

भारत ने मांगा जवाब

आपको बता दें कि, अब भारतीय सरकार मे वाणिज्य विभाग ने कृषि मंत्रालय के साथ-साथ ईरान की राजधानी तेहरान में राजनयिक से आग्रह किया है कि वो इस बात से भारत को अवगत कराएं कि भारतीय चावल और चाय को ईरानी खरीददारों ने खरीदना क्यों बंद कर दिया है। वहीं भारतीय निर्यातकों ने कहा है कि,यह एक चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि भारत बड़ी मात्रा में ईरान को उच्च गुणवत्ता वाली ऑर्थोडॉक्स चाय का निर्यात करता है। उनका कहना है कि ईरान को सबसे ज्यादा असम ऑर्थोडॉक्स चाय भेजा जाता है। वहीं इंडियन टी एसोसिएशन के सचिव सुजीत पात्रा ने कहा कि हमने वाणिज्य मंत्रालय,व्यापार विदेश महानिदेशालय और तेहरान में भारतीय दूतावास के सामने यह बात रखी है। सुजीत पात्रा ने कहा कि हम यह समझना चाहते है कि ईरान ने अचानक से भारतीय चाय और चावल का आयात क्यों बंद कर दिया।

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