
नई दिल्ली: कुछ ही दिनों में ब्रिटेन की राजनीति ने दुनिया भर में खूब सुर्खियां बटोरी है। भारतीय मूल के ब्रिटिश नागरिक ऋषि सुनक मंगलवार ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बनने के बाद एक तरह से इतीहास रच दिया है। वहीं उनके प्रधानमंत्री के बाद भारत और ब्रिटेन के रिश्तों में और गहराइयां आ चुकी है। महज सात हफ्तों पहले प्रधानमंत्री की दौड़ से बाहर होने के बाद उनकी इस वापसी ने यह सिध्द कर दिया है कि वह इस पद के लिए ना केवल का काबिल है बल्कि योग्य भी है। आइए जानते है कि कैसा रहा उनका अब तक का सफर, आखिर क्या है इनकी कहानी।
ऋषि सुनक का परिचय और उच्च शिक्षा
ब्रिटेन के साउथेम्प्टन में ऋषि सुनक का जन्म 12 मई 1980 को हुआ था। उनका परिवार मूल रूप से ब्रिटिश इंडिया के पंजाब प्रांत का रहने वाला था और वे भारतीय पंजाबी हिंदू हैं। ऋषि सुनक ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा विनचेस्टर कॉलेज हेंपशायर, इंग्लैंड से पूरी की। यह कॉलेज एक बोर्डिंग स्कूल है। इसके बाद उन्होंने आगे की शिक्षा लिंकन कॉलेज ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से की। ऑक्सफोर्ड में उन्होंने फिलॉसफी, राजनीति और अर्थशास्त्र का अध्ययन किया। उन्होंने अपनी पढ़ाई के साथ-साथ कंजर्वेटिव कैम्पेन मुख्यालय में इंटर्नशिप भी की। 2006 में उन्होंने स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय से एमबीए की डिग्री हासिल की है।
भारत से ऋषि सुनक का संबंध
ऋषि सुनक जब अपनी पढ़ाई स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में कर रहे थे इसी दौरान उनकी मुलाकात भविष्य में पत्नी बनी अक्षता मूर्ति से होती है। अक्षता और ऋषि दोनों स्टैनफोर्ड में MBA की पढ़ाई कर रहे थे। आपको मालूम होगा अक्षता मूर्ति भारतीय अरबपति एनआर नारायण मूर्ति की बेटी हैं। पत्नी भारतीय मूल के होने के साथ-साथ ऋषि सुनक के दादा-दादी भी भारतीय रहे हैं इस वजह से कहा जाता है ऋषि का संबंध भारत से गहरा है। सांसद बनकर जब ऋषि सुनक पार्लियामेंट पहुंचे थे तो उन्होंने गीता पर हाथ रखकर शपथ ली थी। ऋषि सुनक और उनकी पत्नी की दो बेटियां हैं वे नॉर्थ यॉर्कशायर के नॉर्थहेलर्टन के पास रहते हैं।
ऋषि सुनक का राजनीतिक सफर
ऋषि सुनक अपने जीवन के प्रारंभिक दिनों में पढ़ाई खत्म करने के बाद नौकरी और फिर बिजनेस से जुड़े थे। उन्होंने पहली बार साल 2014 में ब्रिटेन की संसद में कदम रखा। अक्टूबर 2014 में रिचमंड संसदीय क्षेत्र से सुनक कंजरवेटिव पार्टी के उम्मीदवार थे जहां से उन्हें जीत हासिल हुई। चुनाव जीतने के बाद उन्होंने 2015 से लेकर 2017 तक ब्रिटेन के पर्यावरण, खाघ और ग्रामीण मामलों की चयन समिति में काम किया। इसके बाद साल 2017 में ऋषि सुनक को भारी वोट मिले। जिसके बाद वो एक बार फिर सांसद के रूप में चुने गए। 24 जुलाई 2019 में उनके बेहतरीन कार्यशैली को देखकर ब्रिटेन के तत्कालीन पीएम बोरिस जॉनसन ने उन्हें ट्रेजरी के मुख्य सचिव के रूप में नियुक्त किया।
जाहिर है ऋषि सुनक के प्रधानमंत्री चुने जाने के साथ ही यह कयास लगाए जा रहे हैं कि भारत का ब्रिटेन के साथ राजनीतिक संबंध और प्रगाढ़ होंगे। दोनों देश फ्री ट्रेड एग्रीमेंट, समुद्री सुरक्षा, रिन्यूएबल एनर्जी, क्लाइमेट चेंज जैसे विभिन्न मुद्दों पर सार्थक दिशा में कदम बढ़ाएंगे।
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