
नई दिल्ली : दुनियाभर में 29 सितंबर को यानि की आज के दिन विश्व हृदय दिवस मनाया जाता है. यह दिवस दुनियाभर में हृदय के प्रति जागरूकता बढ़ाने और हृदय संबंधी समस्याओं से बचने के उपायों के बारे में बताने के उद्देश्य से हर साला मनाया जाता है.
आपको बता दें कि, विश्व हृदय दिवस मनाने की शुरुआत साल 2000 में हुई थी. जिस समय इसकी शुरूआत की गई उस समय ये भी तय किया गया कि ये हर साल सितंबर के आखिरी रविवार को मनाया जाएगा. वहीं 2014 में इसके लिए एक निश्चित तारीख निर्धारित कर दी गई थी और तब से ही ये हर साल 29 सितंबर को मनाया जाता है. साथ ही दुनियाभर में अनेकों बीमारियों से होने वाली मौतों की एक बड़ी वजह दिल का रोग भी है, इसलिए इसके प्रति लोगों के बीच जागरूकता होनी जरूरी है.
वहीं कई लोगों की मौत हार्ट अटैक से होती है और कार्डियक अरेस्ट से भी होती है. हार्ट अटैक में दिल के कुछ हिस्सों में ब्लड जम जाता है. जिसके चलते इलाज में देरी होने से दिल और शरीर को उतना ज्यादा नुकसान होता है. इसके लक्षण कई बार तुरंत दिख जाते है और कई बार देर भी हो जाती है. वही कार्डियक अरेस्ट में दिल के भीतर के हिस्सों में सूचनाओं का आदान-प्रदान गड़बड़ हो जाता है. जिसके चलते दिल की धड़कन पर बुरा असर पड़ता है. बता दें कि, इस स्थिती में जकार्डियोपल्मोनरी रेसस्टिसेशन के जरिए मरीज के हार्ट रेट को नियमित और सुचारू करने की कोशिश की जाती है. वहीं स्वास्थ्य विशेषज्ञों न ये भी बताया है कि, जिन लोगों को पहले हार्ट अटैक हो चुका होता है, उन्हें कार्डियक अरेस्ट की ज्यादा आंशका रहती है.
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