चीन समेत अन्य एशियाई देशों में नहीं खत्म हो रहा कोरोना का प्रकोप, वैज्ञानिकों ने जताई इस बात की चिंता

चीन समेत अन्य एशियाई देशों में नहीं खत्म हो रहा कोरोना का प्रकोप, वैज्ञानिकों ने जताई इस बात की चिंता

नई दिल्लीचीन समेत अन्य एशियाई देशों में कोरोना का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है। वहीं इस देशों की यह हालत देख भारत में भी लोगों के मन में डर बैठ गया है। लोगों को लग रहा है कि सर्दी में फिर से कोरोना की लहर दस्तक दे सकती है।सामने आ रहे आंकड़ों के मुताबिक, चीन में BF.7 वैरिएंट तबाही मचा रहा है जिसके कारण रोजाना लाखों केस सामने आ रहे हैं। चीन में कोरोना के बढ़ते हुए मामलों से दूसरे देशों की भी चिंताएं भी बढ़ गई हैं क्योंकि पहले भी चीन के बाद ही दुनिया भर में संक्रमण फैला था। हाल ही में कुछ वैज्ञानिकों ने इस बात पर जोर दिया कि हर नया संक्रमण कोरोना वायरस के म्यूटेशन में मदद कर सकता है जिससे नए वैरिएंट सामने आ सकते हैं और वे अधिक खतरनाक हो सकते हैं। अगर वायरस का म्यूटेशन हुआ तो और भी तबाही मच सकती है।

वायरस के म्यूटेशन का है खतरा

आपको बता दें कि, ब्लूमबर्ग के हवाले से जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के इंफेक्शन डिसीज एक्सपर्ट डॉ. स्टुअर्ट कैंपबेल रे ने कहा कि,"कोरोना का नया वैरिएंट ओमिक्रॉन वैरिएंट के समान हो सकता है, स्ट्रेन का कॉम्बिनेशन हो सकता है या पूरी तरह अलग भी हो सकता है। चीन की आबादी बहुत बड़ी है और बहुत कम लोगों में कोरोना के खिलाफ इम्यूनिटी बनी है। इस माहौल में नए वैरिएंट के पैदा होने का डर और ज्यादा है। डॉ. स्टुअर्ट ने आगे बताया, “हर नया इंफेक्शन कोविड को म्यूटेशन के लिए नया मौका देता है। चीन की आबादी 1.4 अरब है तो वहां कोविड तेजी से फैल सकता है क्योंकि वहां 'जीरो-कोविड' पॉलिसी लगभग खत्म हो चुकी है। चीन के लोगों में इम्यूनिटी भी कम हो गई है तो इस वायरस को म्यूटेट होने में मदद मिल सकती है।”

डॉक्टर स्टुअर्ट ने कहा, जब जब भी कोरोना संक्रमण की खतरनाक लहरें आई हैं, तब-तब हमने नए वैरिएंट को पैदा होते देखा है। उन्होंने कहा कि वायरस एक बॉक्सर की तरह है जो विरोधी से बचने के लिए खुद को लगातार विकसित करता रहता है। डॉ. स्टुअर्ट ने आगे कहा, "दुनिया के कई हिस्सों में पिछले छह से 12 महीनों में हमने जो कोरोना संक्रमण का असर हल्का होता हुआ देखा है, वह या तो वैक्सीनेशन के कारण है या फिर संक्रमण के खिलाफ मजबूत इम्यूनिटी के कारण। ना कि इसलिए कि वायरस पहले से कम खतरनाक हो गया है। वहीं कोलंबस की ओहियो स्टेट यूनिवर्सिटी में वायरस की स्टडी करने वाले डॉ. शान-लू लियू (Dr. Shan-Lu Liu) ने कहा, चीन में कई ओमिक्रॉन वैरिएंट्स के बारे में पता चला है जिनमें हालिया तबाही मचाने वाला बीएफ.7 भी शामिल है। भारत के क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज में वायरस स्टडी करने वाले डॉ. गगनदीप कांग (Dr. Gagandeep Kang) ने कहा है कि यह देखना होगा वायरस चीन में उसी पैटर्न से बदलेगा जिस तरह से बाकी के देशों में फैला है या फिर कोई नया पैटर्न लाएगा।

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