
नई दिल्ली: चीन की जीरो कोविड पॉलिसी के ऊपर अब वहां के लोगो का गुस्सा सातवे आसमान पर है। चीन में जगह-जगह पर लो शी जिनपिंग के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे है और अब वहां पर लोग शी जिनपिंग के पद छोड़ने की भी मांग कर रहे है। बता दे कि एक रिपोर्ट के मुताबिक चीन में रविवार को कोरोना के करीब 40,000 नए मामले दर्ज किए गए है। चीन में अभी भी कोरोना की संक्रमण दर बहुत तेज है लेकिन वहां पर लोग लॉकडाउन के सख्त नियमों के चलते शी जिनपिंग का विरोध कर रहे है।चीनी नागरिकों ने सोशल मीडिया और ट्विटर पर शंघाई में एक सामूहिक प्रदर्शन सहित सार्वजनिक विरोध के कई वीडियो पोस्ट और साझा किए, जहां लोगों ने क्रोध के दुर्लभ प्रदर्शन में सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना (CPC) और राष्ट्रपति शी जिनपिंग के खिलाफ नारेबाजी कर रहे है।
आपको बता दे कि, चीन के गंभीर COVID-19 प्रतिबंधों का विरोध तीसरे दिन भी जारी रहा जिसमें सैकड़ों प्रदर्शनकारी और पुलिसकर्मी आपस में भिड़ गए। कई जगह खबर है कि पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर बितर करने के लिए भारी बल प्रयोग भी किया है। प्रदर्शनों के कई वीडियो सोशल मीडिया पर भी शेयर किए गए हैं जिसमें प्रदर्शनकारी अपने हाथ में खाली तख्ती लेकर विरोध कर रहे हैं। रॉयटर्स की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि प्रदर्शनकारियों को पुलिस बस में भरकर थाने ले जा रही है। साथ ही दर्जनों पुलिसकर्मियों के साथ लोगों को सड़कों से खदेड़ा भी जा रहा है। राष्ट्रपति शी जिनपिंग के एक दशक पहले सत्ता में आने के बाद से चीन में यह पहला बड़ा प्रदर्शन माना जा रहा है।
वहीं शंघाई में प्रदर्शन के दौरान कई लोगों ने सरकार विरोधी नारे भी लगाए हैं। रिपोर्ट के अनुसार लोगों ने ‘स्टेप डाउन सीसीपी’ और 'स्टेप डाउन जिनपिंग’ के नारे लगाए। चीन में ऐसे प्रदर्शन बेहद दुर्लभ माने जाते हैं जहां लोग सरकार की नीतियों के विरोध में उतर जाएं।यूनाइटेड किंगडम के सार्वजनिक प्रसारक ने कहा कि विरोध प्रदर्शन को कवर करने वाले एक मान्यता प्राप्त बीबीसी रिपोर्टर पर भी हमला किया गया था। उन्हें कई घंटों तक हिरासत में रखा गया। रिपोर्ट में बताया गया कि रिहा होने से पहले पत्रकार को कई घंटों तक रोक कर रखा गया था। गिरफ्तारी के दौरान पुलिस ने उन्हें लात-घूंसों से मारा भी था।
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