
नई दिल्ली: हाल ही में दुनिया की दो बड़ी ताकतों में शुमार चीन-अमेरिका में एक बार फिर से तकरार होती नजर आ रही है और यह तकरार ताइवान को लेकर हो रही है। दरअसल पिछले हफ्ते चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन से फोन पर बात की थी। बातचीन करते समय जिनपिंग ने बाइडेन से कहा था कि अमेरिका को 'वन-चाइना प्रिंसिपल' को मानना चाहिए। साथ ही धमकाते हुए कहा था, 'जो लोग आग से खेलते हैं, वो खुद जल जाते हैं।' इस पर बाइडेन ने जवाब देते हुए कहा था कि अमेरिका ने ताइवान पर अपनी नीति नहीं बदली है और वो ताइवान में शांति और स्थिरता को कम करने की एकतरफा कोशिशों का कड़ा विरोध करता है।
वहीं धमकी मिलने के बाद चीन की धमकियों के बावजूद ने अमेरिकी स्पीकर नैंसी पेलोसी बीती रात ताइवान पहुंची। चीन ने नैंसी पेलोसी के ताइवान में लैंड करते ही द्वीप को चारों ओर से घेरते हुए युद्धाभ्यास शुरू कर दिया है। इस दौरे के दौरान अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की अध्यक्ष नैन्सी पेलोसी ने ताइवान की राष्ट्रपति साई इंग वेन से मुलाकात की।वहीं नैंसी पेलोसी के ताइवान दौरे पर चीन कड़ा विरोध जता रहा है। चीन के विदेश मंत्रालय का कहना है कि अमेरिका के साथ लगातार बातचीत कर रहे हैं। साथ ही विदेश मंत्रायल ने कहा कि अगर अमेरिका गलत रास्ते पर जाता है तो हम अपनी संप्रभुता और सुरक्षा को बनाए रखने के लिए कड़े कदम उठाएंगे। उसने धमकाते हुए कहा कि इसके जवाब में चीन वही करेगा, जो एक आजाद मुल्क को करने का अधिकार होता है।
वहीं स्पीकर के दौरे पर अभी ताइवान ने कुछ साफ नहीं किया है। लेकिन चीन की धमकियों के बाद ताइवान सख्त हो गया है। साथ ही अपनी सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम कर दिया है। देश ने अपने सेना को अलर्ट पर रखा है। साथ ही ताइवान ने शेल्टर बनाने शुरू कर दिए हैं। इसके लिए अंडरग्राउंड कार पार्किंग, सबवे सिस्टम और अंडरग्राउंड शॉपिंग सेंटर को शेल्टर होम में बदला जा रहा है। लोगों को भी ट्रेनिंग दी जा रही है। ताकि अगर हालात बिगड़ते हैं और चीन कोई हवाई हमला करता है तो लोग शेल्टर में आकर छिप सकें। ताइवान की राजधानी ताइपे में ऐसे 4,600 से ज्यादा शेल्टर बनाए गए हैं, जहां 1.20 करोड़ से ज्यादा लोग रह सकते हैं। 18 साल की हार्मोनी वू ने न्यूज एजेंसी से कहा कि हमें नहीं पता कि जंग कब शुरू हो सकती है। ऐसी स्थिति में जान बचाने के लिए शेल्टर बहुत जरूरी है।
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