
नई दिल्ली: श्रीलंका में हालात दिन-प्रतिदिन बिगड़ते ही जा रहे है। अब तो पीएम और राष्ट्रपति ने अपने-अपने पदों से इस्तीफे देना का ऐलान कर दिया है। बता दें कि आर्थिक संकट पर गुस्सा तेज होने के बीच शनिवार को हजारों प्रदर्शनकारियों ने श्रीलंका के राष्ट्रपति के आधिकारिक आवास पर धावा बोल दिया और कोलंबो में प्रधानमंत्री के निजी आवास में आग लगा दी। हजारों की संख्या में श्रीलंकाई प्रदर्शनकारियों ने पुलिस बैरिकेड्स तोड़कर देश के सबसे बड़े सरकारी भवन में घुस गए। जिसके बाद श्रीलंका के राष्ट्रपति राजपक्षे अपने आवास से परिवार सहित भाग गए हैं।
दरअसल साल 1983 में श्रीलंका को ब्रिटेन से आजादी मिली थी और आजादी के 74 साल बाद देश की ऐसी स्थिति पैदा हो गई है कि देश के पीएम-राष्ट्रपति ने अपने हाथ ऊपर उठा लिए है। वहीं फिलहाल के हालातों को देखकर दिमाक में एक ही बात आती है कि आखिरकार ये देश इस हालत में पहुंचा कैसे?करीबन सात दशकों से श्रीलंका की आर्थिक स्थिति बिगड़ती जा रही है लेकिन कोई देश इसकी मदद के लिए आगे नहीं आया। हालांकि भारत ने कई बार देश को मदद पहुंचाई है। वहीं हाल ही में विदेश मंत्री ने साफ भी किया है कि जो संभव मदद हो सकेंगी वो भारत करेंगा।
अब बात करते है कि इन कारणों से श्रीलंका की ये हालात हुई है। सबसे पहला कारण श्रीलंका पर चीन के बाहरी देश का कर्ज बताया जा रहा है। गैरजरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजोक्ट के चलते कर्ज काफी बढ़ गया है। फिलहाल देश पर 51 अरब डॉलर का लिदेशी कर्जा है। हालांकि विदेशी मुद्रा भंडार लगातार खाली होता जा रहा है। मार्च में देश के विदेशी मुद्रा भंडार 16.1 प्रतिशत घटकर 1.93 अरब डॉलर रह गया है।
इसके अलावा दूसरा कारण कोरोना वायरस बताया जा रहा है। दरअसल कोरोना काल में देश की ट्रैवल इंडस्ट्री काफी प्रभावित हुई थी। जिसका देश की आर्थिक स्थिति को बिगाड़ने में अहम रोल है। वहीं एक कारण टैक्स में कमी भी बताया जा रहा है। बता दें कि राजपक्षे ने टैक्स में कमी करने का ऐलान किया था जिससे सरकार के पास मुद्रा की भारी कमी हो गई।
साथ ही सरकार ने देश में कई चीजों के आयात पर पाबंदी लगा दी। इसमें रासायनिक खाद्य भी शामिल है।जिससे फसलों पर काफी प्रभाव पड़ा और इसका नतीजा ये हुआ कि देश को खाने-पीने की चीजों को बाहर से मंगवानी पड़ी। जिससे महंगाई बढ़ गई और महंगाई के साथ लोगों की जेबो पर असर पड़ने लगा। फिलहाल देश के हालात बहुत नाजुक है। देश के पीएम-राष्ट्रपति ने पद से इस्तीफे देना का ऐलान भी कर दिया है। हालांकि नए राष्ट्रपति बनने तक ये पद राजपक्षे ही संभालेंगे।
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