WhatsApp ने भारत में एक महीने में डिलीट किए 72 लाख अकाउंट, जानें वजह

WhatsApp ने भारत में एक महीने में डिलीट किए 72 लाख अकाउंट, जानें वजह

WhatsApp Account Ban: आज के समय में छोटे बच्चों से लेकर बड़े लोगों तक हर कोई सोशल मीडिया पर बिजी रहता हैं। अगर हमें किसी दूर बैठे व्यक्ति को मैसेज करना हैं। तो वॉट्सऐप एक अच्छा प्लेटफॉर्म है। इसी कड़ी में सोशल मीडिया कंपनी को हर महीने अपने आईटी रूल 2021 के तहत मंथली यूजर सेफ्टी देनी होती है। जुलाई महीने में मेटा ने सेफ्टी रिपोर्ट जारी की है। कंपनी ने जुलाई में करीब 72लाख भारतीय अकाउंट्स को प्लेटफॉर्म से बैन किया है। कंपनी ने कहा कि 1से 31जुलाई के बीच उसने 72,28,000वॉट्सऐप अकाउंट पर प्रतिबंध लगाया है। जबकि 31,08,000खातों को बिना किसी शिकायत के पहले ही बैन कर दिया गया था। इन सभी अकाइउंट को कंपनी ने अपनी जांच के बाद बैन किया हैं।

जुलाई में मिली इतनी शिकायतें

वॉट्सऐपभारत में सबसे ज्यादा पॉपुलर ऐप हैं। अगर हम इसके यूजर्स की बात करें। तो देश में 500 मिलियन से अधिक यूजर्स है। कंपनी ने कहा कि जुलाई में देश में रिकॉर्ड 11 हजार 67 शिकायतें दर्ज की गई थी। जिसमें से 72लाख पर एक्शन लिया गया है। WhatsApp अकाउंट्स पर ये एक्शन रिपोर्ट बताती हैं कि शिकायतों के आधार पर WhatsApp ने कार्रवाई की है। इससे साफ है कि या तो किसी अकाउंट पर कंपनी ने बैन लगाया है। साथ ही अकाउंट को फिर से शुरु कर दिया गया है।

प्लेटफॉर्म से भी डिलीट हुए पोस्ट

इसके अलावा वॉट्सऐप ने बताया कि 1जुलाई से 31जुलाई के बीच शिकायत अपीलीय समिति से प्राप्त आदेश पांच थे और अनुपालन किए गए आदेश भी पांच थे। मेटा की ओर से जानकारी दी गई कि उसने वॉट्सऐप के अलावा जुलाई 2023में भारत में फेसबुक से 21मिलियन लोगों की खराब पोस्ट पर बैन लगाया था। साथ ही जुलाई महीने में इंस्टाग्राम पर 5.9 मिलियन पोस्ट को डिलीट कर दिया गया था।

क्यों बैन होता वॉट्सऐप अकाउंट?

जितने भी बड़े सोशल मीडिया पलटफोर्म होते है। जैसे- यूज हेट स्पीच, गलत जानकारी और फेक न्यूज फ़ैलाने में कई बार होता है। इस तरह की घटना से बचने के लिए मीडिया प्लॅटफॉर्म्स को अकाउंट बैन करने जैसे कदम उठाने पड़ते है।

भारत सरकार के आईटी नियमों के अनुसार, बड़े डिजिटल प्लेटफॉर्म (50 लाख से अधिक यूजर्स वाले) को हर महीने एक कंप्लाएंस रिपोर्ट देना जरूरी होता है। जिसमें कंपनी मिली शिकायतों और उन पर की गई जांच की लिस्ट तैयार करती है। इन बड़े सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स का हेट स्पीच, गलत जानकारी और फेक न्यूज का रोजाना अतीत बनता जा रहा हैं।

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